सिद्दीकुल्लाह चौधरी पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और जमात-ए-इस्लामी हिंद के राज्य अध्यक्ष भी. उन्होंने तीन तलाक पर नरेंद्र मोदी सरकार के अध्यादेश पर कहा कि कुरान शरीफ किसी भी संवैधानिक प्रावधान और कानून से बढ़कर है.
कोलकाता: तीन तलाक पर नरेंद्र मोदी सरकार के अध्यादेश लाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने गुरुवार को कहा कुरान शरीफ सर्वोच्च है और किसी भी संवैधानिक प्रावधान और कानून, जो उसके विपरीत है से बढ़कर है. राज्य में कई मुस्लिम संस्थाएं अध्यादेश का विरोध करने का योजना बना रही हैं.
कई अल्पसंख्यक नेताओं का कहना है कि वह धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे. जमात-ए-इस्लामी हिंद के राज्य अध्यक्ष चौधरी ने कहा, ”हमारे लिए कुरान शरीफ सर्वोच्च है और अगर कोई संवैधानिक प्रावधान या कोई कानून कुरान का विरोध करता है तो हमारा धार्मिक ग्रंथ ही उससे ऊपर है.
बीजेपी धार्मिक कार्ड और संविधान के साथ खेल रही है.इस अध्यादेश से मुस्लिमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कोई इसे नहीं मानेगा, वे सिर्फ धर्म और कुरान को फॉलो करेंगे.” बता दें कि चौधरी ने इससे पहेल सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक के आदेश को असंवैधानिक बताया था. राज्य मंत्री ने कहा, ”बीजेपी चाहे जो भी ट्रिक खेले, वे हिंदुओं और मुस्लिमों को प्रभावित नहीं कर पाएगी. 2019 में वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे. यह अध्यादेश सिर्फ हिंदू वोटों को जीतने का तरीका है, जिसमें वे कामयाब नहीं होंगे. हिंदू और मुस्लिम उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे.”
गौरतलब है कि तीन तलाक देने पर अब किसी शख्स को 3 साल तक की सजा हो सकती है. अगर महिला या महिला का करीबी रिश्तेदार एफआईआर दर्ज कराता है तो अपराध संज्ञेय बन जाएगा. महिला की पहल और संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा उचित स्थिति को देखने के बाद सहमति पर पहुंचा जा सकता है. एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है. नाबालिग बच्चे की देखभाल मां करेगी और वह खुद व बच्चे की देखरेख करने की जिम्मेदार होगी.
तीन तलाक देने पर अब होगी तीन साल की सजा, मुस्लिम महिला पति से ले सकेगी गुजाराभत्ता
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