बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी ने दी 7 हजार करोड़ की सौगात

पटना: बिहार के जमुई जिले में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6640 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 150 रुपये के स्मारक सिक्के और 5 रुपये के स्मारक डाक टिकट भीजारी […]

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बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी ने दी 7 हजार करोड़ की सौगात

Yashika Jandwani

  • November 15, 2024 8:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

पटना: बिहार के जमुई जिले में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6640 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 150 रुपये के स्मारक सिक्के और 5 रुपये के स्मारक डाक टिकट भीजारी किया। उन्होंने बिरसा मुंडा के वंशज बुद्धराम मुंडा और मंडल मुर्मू को सम्मानित किया और भगवान बिरसा मुंडा अमर रहें के नारे से अपने संबोधन की शुरुआत की।

केंद्र सरकार का तोहफा

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, भगवान बिरसा मुंडा और देश के अन्य आदिवासी नायकों के योगदान को सम्मान देने का दिन है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें शिक्षा, सड़क और संस्कृति से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों के विकास के लिए ग्राम उत्कर्ष योजना शुरू की गई है, जिसके तहत 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

आदिवासी समाज का योगदान

पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायकों के योगदान को भुलाने की कोशिश की गई थी। आगे उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सिर्फ एक परिवार और पार्टी के योगदान को प्रमुखता दी गई। हालांकि अब आदिवासी समाज के नायकों को उचित सम्मान दिया जा रहा है। इतनाही नहीं पीएम ने आगे कहा कि एनडीए सरकार के प्रयासों से देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिली है।

पलायन की समस्या में कमी

150वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने बताया कि आज 6 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं का शुभारंभ हुआ है। इनमें सड़क, स्कूल और आदिवासी संस्कृति से जुड़े केंद्रों का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से आदिवासी समाज के जीवन स्तर में सुधार होगा और पलायन की समस्या भी कम होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से जुड़े लोगों का धन्यवाद करते हुए आदिवासी समाज को उनके अधिकार और सम्मान दिलाने की बात भी कही और संबोधन को समाप्त किया।

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