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पिता ने बेटों के साथ रहने से किया मना, बच्चे करते थे बाप के साथ मार-पीट

लखनऊ। लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां तीन दिन से बुजुर्ग पिता को घर भेजने के सिलसिले में दो बेटों की काउंसिलिंग चल रही थी,लेकिन गुरुवार को सारे प्रयास बेकार हो गए। दरअसल, बुजुर्ग अपने बेटों की हरकतों से परेशान था, जिसके चलते उसने उनके साथ जाने से मना […]

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पिता ने बेटों के साथ रहने से किया मना, बच्चे करते थे बाप के साथ मार-पीट
  • September 30, 2022 11:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां तीन दिन से बुजुर्ग पिता को घर भेजने के सिलसिले में दो बेटों की काउंसिलिंग चल रही थी,लेकिन गुरुवार को सारे प्रयास बेकार हो गए। दरअसल, बुजुर्ग अपने बेटों की हरकतों से परेशान था, जिसके चलते उसने उनके साथ जाने से मना कर दिया। इसके बाद बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद ने बाजारखाला पुलिस में उनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवा लिया। बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि उनके दोनों बेटे विजय और बृजेश उन्हें मारते-पीटते थे। गुरुवार को थाने पहुंचे रामेश्वर प्रसाद के सामने जब उनके बेटे पहुंचे तो रामेश्वर ने उनकी तरफ देखने तक से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि वृद्धाश्रम में सिर पर छत और इज्जत की दो रोटी खाऊंगा। चार दिन की जिंदगी यहीं पर काट लूंगा, लेकिन इनके साथ बिल्कुल भी नहीं जाऊंगा।

बेटे के साथ जाने से किया मना

बीते शुक्रवार को वन स्टॉप सेंटर की टीम ने 85 वर्षीय बुजुर्ग रामेश्वर को सरोजनीनगर के वृद्धाश्रम में पहुंचाया था। बुजुर्ग रामेश्वर का आरोप था कि उनके दोनों बेटों ने उन्हें प्रताड़ित किया।बड़े बेटे ने उन्हें मारा और अपमानित किया, जिसके बाद उन्हें घर से निकाला दिया था। बीमारी की हालत में हाथ में यूरिन बैग पकड़े बुजुर्ग रामेश्वर सड़क पर पड़े थे। वन स्टॉप सेंटर की टीम की सहायता लेकर उन्होंने केस दर्ज करवाया है। इस पूरे मामले की जांच प्रभारी निरीक्षक बाजारखाला विनोद कुमार यादव के मुताबिक‌ की जा रही है।

बयां किया दर्द

सेंटर में काउंसिलिंग के दौरान रामेश्वर प्रसाद ने एक पत्र लिखकर अपना दर्द जाहिर किया। बताया कि उनका पुराना टिकैतगंज में घर है। वहां उनका खड़े मसाले का काम था, जो उनकी उम्र बढ़ने के साथ बंद हो गया। चार बेटी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। बेटे ड्राइवर हैं, जिन्होंने मुझे घर से निकाल दिया।रामेश्वर ने भीगी आंखों से बताया कि कमाई बंद हुई तो मैं अपने बच्चों के लिए बोझ बन गया। बड़ा लड़का तो दो बार मुझ पर हाथ भी उठा चुका है। रामेश्वर ने निवेदन किया कि अब काम भी नहीं कर सकता, खाने और दवा की परेशानी हो रही है। किसी वृद्धाश्रम में जगह दिलवा दो। 181 वन स्टॉप सेंटर प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह ने तुरंत बुजुर्ग को आश्रय दिलवाया।

 

 

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