इकलौते बेटे के शहीद होने पर बेसहारा हुए बूढ़े मां-बाप, पैसे और सोना लेकर मायके चली गई बहू

नई दिल्ली। सियाचिन में अपने साथियों को बचाने के दौरान शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार को उनके साहस और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति ने 5 जुलाई 2024 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। इस मामले में अब नया मोड़ आया है कि अंशुमान के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि बहू उनसे मतलब नहीं रखती और कीर्ति चक्र लेकर चली गई है। अंशुमान के पिता ने कहा कि मैं वो अभागा बाप हूं, जिसने अपने शहीद बेटे के कीर्ति चक्र को छूकर भी नहीं देखा। इससे पहले शहीद मेजर आशीष के माता-पिता ने भी बहू पर कुछ इसी तरह के आरोप लगाए थे।

बेसहरा छोड़कर गई बहू

पानीपत के रहने वाले शहीद मेजर धौंचक के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बहू पैसे और सोना लेकर मायके चली गई है। इस वजह से उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। बूढ़े माता-पिता का कहना है कि मैंने अपना इकलौता बेटा खोया है। बहू सरकार की तरफ से मिली सहायता व 30 तोला सोना लेकर घर से चली गई। उन्हें अब पोती से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है। यहां तक की बहू अपने कमरे में ताला लगाकर गई है।

ऊपरी हिस्से में लगाया ताला

मीडिया से बात करते हुए मेजर आशीष की मां ने कहा कि जब तक आखिरी चेक नहीं मिला था, तब तक बहू प्यार से बात करती थी। पैसा मिलने के बाद वह चली गई। उनका बेटा 13 सितंबर 2023 को अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया था। माता-पिता का कहना है कि बहू ने फ़ोन पर बातचीत के दौरान घर वापस आने से मना कर दिया है। फरीदपुर टीडीआई में नवनिर्मित मकान जो आधा आशीष के नामा पर था। उसे वो अपने नाम पर करवा कर गई है। ससुराल से जाते समय उसने घर के ऊपरी हिस्से में ताला लगा दिया।

 

तेरहवीं के अगले दिन ही बहू छोड़कर चली गई…शहीद अंशुमान की पत्नी पर माता-पिता का बड़ा आरोप

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