नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर अर्जी दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया. शीर्ष न्यायालय का कहना है कि इसके दूरगामी परिणाम होते हैं, बता दें पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते शर्मा के खिलाफ कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी.
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इस अर्जी पर सुनवाई की और रिपोर्ट्स के मुताबिक, शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘यह देखने में नुकसान नहीं पहुंचाने वाला लगता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होते हैं, अदालत को निर्देश जारी करते समय हमेशा चौकस रहना चाहिए, इसलिए हम इस पर सुनवाई नहीं करेंगे.’
कथित तौर पर एक टीवी डिबेट के दौरान शर्मा की तरफ से की गई टिप्पणी के चलते देश में जमकर विवाद हुआ था, देश के कई हिस्सों में इसे लेकर जमकर प्रदर्शन हुए थे और शर्मा को गिरफ्तारी करने की मांग भी उठी थी, कुछ राज्यों में तो उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था.
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में 10 अगस्त को पिछली सुनवाई हुई थी और तब कोर्ट ने नुपूर की मांग को मानते हुए उनके खिलाफ हुई सभी शिकायतों को दिल्ली भी ट्रांसफर कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में एड्वोकेट चांद कुरैशी के जरिए एड्वोकेट अबु सोहैल की तरफ से याचिका दायर की गई थी और इस याचिका में ‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ की मांग उठाई गई थी. इसमें सबसे खास बात तो ये है कि एपेक्स कोर्ट ने पहले ही मामले में दर्ज सभी FIRs को दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने के बात कही गई थी.
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