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बिहार में मलेरिया मरीजों की संख्या बढ़ी,लोगों में मचा हड़कप

बिहार में मलेरिया मरीजों की संख्या बढ़ी,लोगों में मचा हड़कप Number of malaria patients increased in Bihar, created panic among people

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  • August 20, 2024 6:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली : बिहार के अस्पतालों में इन दिनों कुत्ते के काटने और मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज खुराक लेने वालों की संख्या बढ़ने के चलते अस्पतालों में दवाओं के लिए मिलने वाली राशि का 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सा एंटी रेबीज और मलेरिया पर खर्च हो रहा है.

शहरी इलाकों में मरीजों की अधिक संख्या

 

बिहार के ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा शहरी इलाकों में मलेरिया के मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ी है.बता दें हाल के दिनों में शहरों में साफ-सफाई की कमी के कारण बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। .मच्छरों से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। इतने उपाय करने के बावजूद 2018-19 में 0.6 फीसदी, 2019-20 में 0.7, 2020-21 में 1.2, 2021-22 में 1.2, 2022-23 में 13.4 और 2023-24 में 6.2 फीसदी लोग मलेरिया से पीड़ित हैं. इनमें से अधिकतर मरीज इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में गए हैं।

ये हैं पीड़ित मरीजों के आंकड़े

आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 7.9 फीसदी, 2019-20 में 11.4 फीसदी, 2020-21 में 16.5, 2021-22 में 18.6, 2022-23 में 61.2 और 2023-24 में 61.3 फीसदी लोगों को कुत्तों ने काटा. घायलों में ज्यादातर 15 से 30 साल के युवा हैं। जिन्हें एंटी रेबीज के लिए सरकारी या निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। पटना, बेगुसराय, मधेपुरा, भोजपुर, सीतामढी, जहानाबाद, समस्तीपुर, अरवल, गया, गोपालगंज, हाजीपुर में कुत्तों से लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं. वहीं, वैशाली समेत खगड़िया, बक्सर, पश्चिम पंचारण, अररिया, मुजफ्फरपुर और औरंगाबाद में भी इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है.

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