गुवाहाटी: असम सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एकल पिताओं को भी चाइल्ड केयर लीव (CCL) देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को सोशल मीडिया के जरिए इस नए नियम की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “जीवन अप्रत्याशित मोड़ ले सकता है और कई बार एक पुरुष अपने बच्चे की देखभाल करने वाला इकलौता अभिभावक बन जाता है। ऐसे सरकारी कर्मचारियों की सहायता के लिए हमने एकल पिताओं को भी चाइल्ड केयर लीव देने का फैसला किया है।”
Sometimes life may take unexpected turns and a man may have to be the sole caregiver for a child. If such a scenario ever arises for our State Govt employees, we’ve got you covered.
From now on, we will grant Child Care Leave to single fathers to take care of their little ones❤️ pic.twitter.com/NkHFy9zXJ5
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 30, 2025
सरकार के अनुसार, यह सुविधा उन एकल पुरुष कर्मचारियों को मिलेगी जो विधुर हैं या तलाकशुदा हैं और अपने बच्चों की कस्टडी रखते हैं। राज्य कैबिनेट ने पहले ही CCL नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, जिससे अधिकतम दो बच्चों की देखभाल के लिए यह अवकाश मंजूर किया गया है। नए नियम के तहत, महिला सरकारी कर्मचारियों की तरह ही, एकल पुरुष कर्मचारियों को भी अधिकतम 730 दिनों (दो वर्ष) तक की चाइल्ड केयर लीव मिलेगी। यह विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी, जिनके पास किसी भी उम्र के विकलांग बच्चों की कस्टडी है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को एक मीडिया चर्चा में असम में भाजपा सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2016 के बाद से असम में बड़ा बदलाव आया है और स्वदेशी लोगों ने भूमि, राजनीति और सरकारी नौकरियों पर अधिक नियंत्रण हासिल किया है। सीएम सरमा ने कहा, “आज असम रहने के लिए एक बेहतर जगह बन चुका है। स्वदेशी समुदायों को उनका हक मिला है। हमारी सरकार ने आव्रजन, निर्वासन और पहचान से जुड़े मुद्दों पर भी अहम कदम उठाए हैं और राज्य को उसकी खोई हुई जगह वापस दिलाने में सफल रहे हैं।” सरकार के इस नए फैसले से एकल पिताओं को बड़ी राहत मिलेगी और यह नीति उन्हें अपने बच्चों की बेहतर परवरिश करने में मदद करेगी।
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