लखनऊ: कुंभ के मिले का सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है और यह हमारी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वहीं जितना यह मेला भारतीय संस्कृति के लिए जाना जाता है, उतना ही यह भारी भीड़ और अपनों से बिछड़ने की कहानियां को लेकर भी जाना जाता है। हालांकि अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस धारणा को बदलने के लिए तैयारी में है।
कुंभ मेला 2025 में योगी सरकार तीर्थयात्रियों को खोने और फिर से न मिलने की समस्याओं से बचाने के लिए एक हाई-टेक ‘खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली’ की शुरुआत की जा रही है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग ने मिलकर इस प्रणाली को विकसित किया है, जो तीर्थयात्रियों को खोने से बचाने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति खो जाता है, तो उसे तुरंत उसके परिवार से मिलाने में मदद करेगी।
इस नई प्रणाली के तहत खोए हुए व्यक्तियों का तुरंत डिजिटल पंजीकरण किया जाएगा। इससे उनका डेटा अन्य केंद्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया जाएगा, जिससे उन्हें जल्दी से परिवार से मिलाया जा सकेगा।
महाकुंभ 2025 में विशेष डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जो खोए हुए व्यक्तियों को सुरक्षित रूप से उनके परिवार से मिलाने में सहायता करेंगे। यदि किसी तीर्थयात्री का 12 घंटे के भीतर दावा नहीं किया जाता है, तो पुलिस उनके सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने का कार्य करेगी। इस पहल में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। खोए हुए बच्चें और महिलाएं व्यक्ति के साथ तभी जा सकेंगी जब उनकी पहचान प्रमाणित होगी। योगी सरकार का यह कदम महाकुंभ 2025 में सभी के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है.
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