नई दिल्ली। नोएडा में स्थित 32 मंजिले ट्विन टावर को रविवार यानि कल दोपहर ढाई बजे गिरा दिया जाएगा। इन दोनों टावरों को बनाने में 13 साल लगा है, जिसके टूटने में 15 सेकेंड से भी कम समय लगेगा। ट्विन टॉवर से 9 मीटर की दूरी पर एक सुपरटेक एमरेल्ड सोसायटी है जिसके 650 फ्लैट्स […]
नई दिल्ली। नोएडा में स्थित 32 मंजिले ट्विन टावर को रविवार यानि कल दोपहर ढाई बजे गिरा दिया जाएगा। इन दोनों टावरों को बनाने में 13 साल लगा है, जिसके टूटने में 15 सेकेंड से भी कम समय लगेगा। ट्विन टॉवर से 9 मीटर की दूरी पर एक सुपरटेक एमरेल्ड सोसायटी है जिसके 650 फ्लैट्स में लगभग 2500 लोग रहते हैं।
बता दें कि ट्विन टावर गिराने का जिम्मेदारी एडिफाइस नामक कंपनी को दी गई है। इसके ध्वस्तीकरण का कार्य प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता की देखरेक में होगा। प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के मुताबिक कुतुबमीनार से भी उंचे इस बिल्डिंग में 3700 किलो बारूद भरा गया है। इसके पिलर्स में लंबे-लंबे छेद करके बारूद रखा गया है, जिसका फ्लोर टु फ्लोर एक दूसरे से कनेक्शन भी किया जा चुका है। कल दोपहर 2 बजे से इसको गिराने का काउंटडाउन शुरू होगा। वहीं 2.30 बजे रिमोट का एक बटन दबाते ही दोनों टावर मलबे में बदल जाएंगे।
बता दे कि आमतौर पर बड़े टॉवरो को गिराने के लिए बिल्डिंग के कॉलम और बीम में विस्फोटक भरे जाते हैं। बिल्डिंग के कॉलम और बीम को वी शेप में काट किया जाता है। फिर उसके अंदर विस्फोटक की छड़ डाल दी जाती है। अमूमन विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है। ठीक इसी तरह का पैटर्न सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech, Twin Tower) को गिराने में भी अपनाया गया है।
एडिफिस कंपनी ने गेल (Gail) कि पाइप लाइन का 2.5 करोड़ रुपये में तो वहीं दो अन्य टावर का 100 करोड़ रुपये में बीमा कराया गया है। ये ट्विन टावर नोएडा के सेक्टर-93ए बना हुआ है, जिसको ध्वस्तीकरण किया जाएगा। इस बड़े टावर में विस्फोटक (Explosive) लगाने का काम पूरा हो चुका है। ध्वस्तीकरण प्लान के अनुसार 28 अगस्त को कंट्रोल ब्लास्ट (Control Blast) कर इन दोनों टावर को जमींदोज किया जाएगा।