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नीतीश कुमार के बेटे की पालिटिक्स में होगी एंट्री, मिला ये बड़ा संकेत!

पटना: इन दिनों जो चर्चा जोर से चल रही है, वो ये है कि बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की एंट्री होगी कि नहीं? वहीं प्रदेश के सियासी गलियारों में इसको लेकर अटकलें तेज हो गई है. हालांकि इन अटकलों को बढ़ावा तब मिल जाता है, जब जदयू की अंदरुनी […]

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inkhbar News
  • June 18, 2024 9:43 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

पटना: इन दिनों जो चर्चा जोर से चल रही है, वो ये है कि बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की एंट्री होगी कि नहीं? वहीं प्रदेश के सियासी गलियारों में इसको लेकर अटकलें तेज हो गई है. हालांकि इन अटकलों को बढ़ावा तब मिल जाता है, जब जदयू की अंदरुनी कानाफुसी बाहर निकल आती है.

वहीं सूत्र के मुताबिक पार्टी के कई बड़े नेता ये चाहते हैं कि, निशांत को राजनीति में कदम रखना चाहिए. दरअसल, इसकी मांग जदयू नेता की तरफ से शुरु हो गई है.

 

नीतीश कुमार से मांग की है

 

बिहार में उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने सोमवार 17 जून, 2024 को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नीतीश कुमार से मांग की है. वहीं उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि, बदलते राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बिहार को एक युवा नेतृत्व की जरूरत है. ई. निशान में ये सभी गुण मौजूद हैं.

वहीं जदयू के एक अन्य नेता ने कहा कि निशान को धन या पद का लालच नहीं है. हालांकि निशांत की राजनीतिक में दिलचस्पी है कि नहीं , ये खुल कर सामने नहीं आई है. लेकिन कुछ मौके पर वह अपने पिता की तारीफ करते हुए नजर आते हैं.

 

योजना तैयार की गई है

 

बता दें कि नीतीश के बेटे को राजनीति में क्यों लाना चाहते हैं ये जदयू नेता आखिर क्या है वजह? तो आइए आपको ये बात विस्तार से बताते है. दरअसल, जदयू के सबसे ज्यादा नेता अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर काफी चिंता में हैं. वहीं इसी को लेकर पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक पुनर्गठन योजना तैयार की गई है, जहां वो शीर्ष नेताओं को बदल देंगे.

फिर उसके बाद अपने बेटे निशांत को राजनीति के मैदान में उतरेंगे. दरअसल, राजनीति में निशांत को उतारने के बाद, वो नेताओं में प्रेरणा भरेंगे, जिससे वो नेताओं को नया जनीतिक उद्देश्य भी निर्धारित करेंगे.

 

भविष्य तय कर सकें

 

सूत्रों के मुताबिक, जबकि नीतीश के करीबी नेता, वो ऐसे नेताओं को चुनना एक चुनौती बताते हैं. दरअसल, ये चुनौती इसलिए, बताया है कि, क्योंकि ये नता उनकी पार्टी की भविष्य तय कर सकें.

फिर भी पार्टी में श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लल्लन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी जैसे उनके करीबी सहयोगियों के अलावा, उनकी पुनर्गठन योजना में एक महत्वपूर्ण नाम उनके बेटे निशांत का सामने आ रहा हैं.

 

 

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