नीतिश कुमार फिर फंस गए, शराब बंद की खुली पोल, आखिर सामने आ ही गया सुसाशन बाबू का सच!

पटना: बिहार में शराबबंदी लागू हुए करीब आठ साल हो गए हैं. इस बीच, बिहार सरकार ने माना है कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी के बाद से राज्य में अवैध शराब पीने से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार (23 सितंबर) को यह जानकारी दी. हालांकि, अधिकारी ने कहा कि आठ वर्षों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से ‘संदिग्ध जहरीली शराब से होने वाली मौतों’ की संख्या 266 है।

 

तस्करी जारी है

 

बता दें कि अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, राज्य में शराब तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान के बावजूद शराब की तस्करी जारी है. निषेध एवं उत्पाद विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि 2016 से राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 156 ‘जहरीली शराब से लोगों की मौत’ की पुष्टि हुई है। राज्य में ‘जहरीली शराब से संदिग्ध मौत’ की खबरें सामने आई हैं। पिछले 8 वर्षों में “266 मामलों की जांच की गई, जिसमें 156 की पुष्टि की गई है।

 

शराब भी शामिल है

 

विनोद सिंह गुंजियाल ने आगे कहा कि राज्य में जहरीली शराब से जिन जिलों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं उनमें सारण, गया, भोजपुर, बक्सर और गोपालगंज शामिल हैं. उन्होंने कहा, ”अगस्त 2024 तक विभाग द्वारा शराबबंदी कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 8.43 लाख मामले दर्ज किए गए हैं.” जिसमें राज्य के बाहर के 234 लोगों समेत कुल 12.7 लाख लोगों को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है. वहीं संबंधित अधिकारियों ने अब तक 3.46 करोड़ लीटर शराब जब्त की गई है, जिसमें देशी शराब भी पाए गए है।

 

जब्त की गई

 

आगे जानकारी देते हुए बताया गया कि अगस्त 2024 तक विभाग ने जब्त की गई 98 फीसदी शराब यानी करीब 3.38 करोड़ लीटर शराब को नष्ट कर दिया है. राज्य के विभिन्न शहरों से शराब परिवहन में प्रयुक्त 1.24 लाख वाहन भी जब्त किये गये हैं. विभाग ने 71,727 वाहनों की नीलामी से 327.13 करोड़ रुपये जुटाए.

 

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