Nitish Kumar new rule:बिहार सरकार ने प्रदर्शनों में कानून तोड़ने वालों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. जिसके चलते अब से विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
नई दिल्ली : देशभर में प्रदर्शन के दौरान हिंसाओं की घटना हर रोज सामने आती रहती हैं. वहीं बिहार सरकार ने इससे निपटने का उपाय ढूंढ लिया है. दरअसल, बिहार सरकार ने प्रदर्शनों में कानून तोड़ने वालों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. जिसके चलते अब से विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा हुआ और विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है तो प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को न नौकरी मिलेगी न ही ठेका मिलेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
बता दें कि बिहार सरकार से जुड़े ठेके में चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य किए जाने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन (पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट) के संबंध में एक विस्तृत आदेश जारी किया है. इसकी जरूरत कई कार्यों के लिए होती है. वहीं चरित्र प्रमाण पत्र भी इसी रिपोर्ट के आधार पर जारी होता है. पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के दौरान किन बातों का ख्याल रखना है और किन बिंदुओं पर जांच करनी है इसे भी स्पष्ट किया है.
डीजीपी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम जैसे मामलों में कोई व्यक्ति शामिल रहता है और उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दायर होती है तो उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. ऐसे व्यक्ति के पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा. ऐसा होने पर उसे सरकारी नौकरी और ठेके नहीं मिलेंगे. वेरिफिकेशन रिपोर्ट में संज्ञेय अपराध में शामिल और पुलिस व अदालत द्वारा की गई कार्रवाई की ही इंट्री होगी. इसमें लंबित पुलिस कार्रवाई, प्राथमिकी या अप्राथमिकी अभियुक्त, चार्जशीटेड और अदालत द्वारा दोषसिद्ध का ही उल्लेख होगा. इन सबके चलते अब बिहार में हिंसा करना युवाओं के लिए खास कर खतरनाक हो सकता है.