पटना। मोतिहारी में आयोजित दीक्षांत समारोह में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कुछ ऐसी बात कही थी कि उसका मतलब भाजपा से दोस्ती को जोड़कर देखा जाने लगा था। शनिवार को इस पर मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार पत्रकारों पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि मोतिहारी में जो उन्होंने कहा कि उसका गलत मतलब निकाल लिया गया है। मोतिहारी में यूनिवर्सिटी बनाने की चर्चा थी। उन्होंने कहा कि मोतिहारी में विश्वविद्यालय बनाने को लेकर हमने दबाव बनाया. मेरे कहने का मतलब भाजपा के साथ का बिल्कुल नहीं था। सीएम नीतीश ने कहा कि मेरे कहने का मतलब था कि जो काम हुआ है उसे याद रखिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वहां तो सभी पार्टियों के नेता मौजूद थे लेकिन मीडिया ने जो लिखा और दिखाया है उससे मुझे बहुत दुख हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे ही छापा जाएगा और दिखाया जाएगा तो आज अंतिम दिन है। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान छपेगा तो बोलना बंद कर दूंगा।
बता दें कि नीतीश कुमार शनिवार की सुबह बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री बाबू की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने मुख्य सचिवालय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा से दोस्ती वाली बात के साथ-साथ सुशील मोदी के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी कहां और क्या थे उनको याद नहीं रहता है क्या? उन्होंने कहा कि जब विश्वविद्यालय में थे तो छात्र नेता के चुनाव मैंने कई वोट उनको दिलवाए थे। सीएम नीतीश ने कहा कि विपक्ष चाहे जितना अटैक करे मुझे कोई उससे मतलब नहीं है। मैं अपना कार्य करता रहता हूं।
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