पटना। एनआईए ने गया में चार जगहों पर छापेमारी की है। जिसमें पूर्व जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई, एक गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित उनके घर पर और दूसरा बोधगया के मस्तपुरा स्थित रमिया कंस्ट्रक्शन के प्लांट पर। इसके अलावा एनआईए ने गया के बांके बाजार निवासी द्वारिका यादव उर्फ मोहन मुखिया के घर और दुकान पर छापेमारी की। यह कार्रवाई करीब 20 घंटे तक चली, जिसके बाद एनआईए ने प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी है।
एनआईए की टीम सुबह 4 बजे से ही मनोरमा देवी के गया स्थित आवास पर मौजूद थी। करीब 20 घंटे तक चली इस छापेमारी में एनआईए को कई अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक घर से इतनी नकदी बरामद हुई कि उसे गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ी। बाद में एनआईए ने बताया कि कुल 4 करोड़ 3 लाख रुपये नकद, 10 अलग-अलग तरह के हथियार, कई दस्तावेज, पेन ड्राइव, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं।
एनआईए ने बताया कि मनोरमा देवी सीपीआई (माओवादी) के मगध जोन को पुनर्जीवित करने की साजिश में शामिल हैं। इस मामले में उनके अलावा गया के बांके बाजार में सिमरन ट्रैवल्स के मालिक द्वारिका यादव और भभुआ में रुचिका प्रिंटर्स के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। द्वारिका पर नक्सलियों को आर्थिक मदद और वाहन उपलब्ध कराने का आरोप है जबकि रुचिका प्रिंटर्स पर नक्सली साहित्य छापने का शक है।
पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी ने कहा कि एनआईए टीम में शामिल अधिकारियों ने जो भी कागजात मांगे, मेरे पास जो भी कागजात थे, मैंने दे दिए। मनोरमा देवी ने कहा कि हम राजनीति भी करते हैं, मैं व्यवसाय भी करती हूं, मेरा होटल भी है, मेरा ठेकेदारी का व्यवसाय भी है, मैंने सारे कागजात दे दिए। जो भी पैसा है, उसके सारे कागजात मेरे पास हैं। इसे साइड में काम करने वाले लेबर को देने के लिए रखा गया था।
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