नई दिल्ली: 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हो गया. प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परीक्षा को निरस्त कर दिया गया. NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) मध्यप्रदेश की संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के अनुसार इन छह ने […]
नई दिल्ली: 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हो गया. प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परीक्षा को निरस्त कर दिया गया. NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) मध्यप्रदेश की संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के अनुसार इन छह ने प्रश्नपत्र 15 लाख रुपए में खरीदा था.
ग्वालियर की डबरा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने ये गिरफ्तारी की है. आरोपियों में से दो लोग उत्तरप्रदेश, दो लोग हरियाणा और तीन आरोपी ग्वालियर के बताए जा रहे हैं. सभी को टेकनपुर की होटल से पकड़ा गया है. NHM मध्यप्रदेश के मुख्य प्रशासकीय अधिकारी केके रावत के आदेश के बाद परीक्षा निरस्त होने की पुष्टि हुई. आदेश में परीक्षा एजेंसी के एमडी को लिखा गया है कि आरोपी इलाहबाद के रहने वाले हैं. इन आरोपियों ने 15 लाख रुपए में पेपर खरीदा था. परिजनों से गड़बड़ी की सूचना के बाद छापा मारा गया जिसमें इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ.
दरअसल परीक्षा वाले दिन ही एक छात्र के परिजन ने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है. ये लोग डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास उन्हें बुला रहे हैं. परीक्षा के संबंध में ये कोई बड़ी डील हो सकती है। सूचना मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा। इस छापे में 33 लोग पकड़े गए. इनमें से सात आरोपी वह हैं जो पर्चा बेच रहे थे. आरोपियों में से दो उत्तरप्रदेश के मेरठ और इलाहबाद के रहने वाले हैं. बाकी के दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं.
इसके अलावा बाकी के 26 स्टूडेंट्स जिन्हें पकड़ा गया है उनमें 15 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं. आरोपियों ने खुद स्टूडेंट्स को पर्चा बेचने की बात कबूल की है. आरोपियों ने सभी छात्रों को टेकनपुर बुलाया था. ग्वालियर में चार सेंटर पर ये एग्जाम करवाया जाना था.
तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से कई स्टूडेंट्स के डाॅक्यूमेंट्स भी बरामद किए गए हैं. ये दस्तावेज कथित आरोपियों ने पर्चा लीक मामले में गारंटी के तौर पर रखे थे. पुलिस को आरोपियों ने बताया कि जिन उम्मीदवारों से पर्चे का सौदा हुआ था, उनसे टोकन अमाउंट लिया गया था. एग्जाम के बाद इन छात्रों से बकाया राशि ली जानी थी जो तय की गई थी. इन सभी छात्रों के ओरिजिनल अकेडमिक डॉक्यूमेंट गारंटी के तौर पर रखे गए थे.
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