लैंड फॉर जॉब मामले में 15 जुलाई को अगली सुनवाई, लालू और परिवार के अन्य सदस्यों पर हैं आरोप

पटना/ Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई के द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि इस मामले में उन्हें कुछ और दस्तावेज जमा करना होगा. दस्तावेज जमा करने के लिए अदालत ने सीबीआई को समय दे दिया है. राउज एवेन्यू कोर्ट में अगली सुनवाई […]

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लैंड फॉर जॉब मामले में 15 जुलाई को अगली सुनवाई, लालू और परिवार के अन्य सदस्यों पर हैं आरोप

Shikha Pandey

  • July 6, 2024 2:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

पटना/ Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई के द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि इस मामले में उन्हें कुछ और दस्तावेज जमा करना होगा. दस्तावेज जमा करने के लिए अदालत ने सीबीआई को समय दे दिया है. राउज एवेन्यू कोर्ट में अगली सुनवाई अब 15 जुलाई को होगी. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट के आदेश के बाद अदालत में ईडी के जॉइंट डायरेक्टर पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये मामला काफी गंभीर है. मामले की जांच चल रही है. आरोप पत्र दाखिल करने में अभी और समय लगेगा. इस मामले में विशेष जज विशाल गोगने ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने के लिए ईडी को 6 सप्ताह का समय दिया है.

6 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

6 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. ईडी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सीबीआई के द्वारा दाखिल अंतिम चार्जशीट की कॉपी की मांग की. सीबीआई के वकील ने इसका विरोध किया है. कोर्ट ने कहा कि ईडी और सीबीआई आपस में एक दूसरे का सहयोग करें. कोर्ट ने ईडी से कहा कि सीबीआई के द्वारा दाखिल चार्जशीट पर बातचीत करके 10 जुलाई को कोर्ट को बताए. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ईडी के अधिकारी को रिकॉड के साथ कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था और जांच की स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया था.

लालू प्रसाद यादव पर आरोप

आपको बता दें कि सीबीआई के द्वारा दाखिल अंतिम चार्जशीट में 38 उम्मीदवारों सहित 78 लोगों के नाम शामिल हैं. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी का इंतजार है. जमीन घोटाले मामले की सुनवाई स्पेशल जज विशाल गोगने कर रहे हैं. सीबीआई का प्रमुख आरोप है कि 2004-2009 के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ

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