जालोर : राजस्थान के जालोर जिले में दलित छात्र केस में अब नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है. जहां गहलोत सरकार ने ADG (क्राइम) रवि प्रकाश को घटना की पूरी जांच का जिम्मा दिया था और उन्हें स्कूल भेजा था. शनिवार को जयपुर लौटने के रवि प्रकाश का एक बयान अब पूरे केस को […]
जालोर : राजस्थान के जालोर जिले में दलित छात्र केस में अब नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है. जहां गहलोत सरकार ने ADG (क्राइम) रवि प्रकाश को घटना की पूरी जांच का जिम्मा दिया था और उन्हें स्कूल भेजा था. शनिवार को जयपुर लौटने के रवि प्रकाश का एक बयान अब पूरे केस को पलटता नज़र आ रहा है. एडीजी के मुताबिक जब वह स्कूल गए तो उन्हें वहाँ कोई मटकी या मिट्टी का बर्तन नहीं मिला. हालांकि स्कूल ऐसी जगह स्थित है जहां मिटटी के बर्तन का प्रयोग किया जाता है.
दावा किया गया है की स्कूल में कोई मटका है ही नहीं. मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) क्राइम रवि प्रकाश ने शासन को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें उन्होंने स्कूल में मटका या मटकी ना होने की बात का ज़िक्र किया है. हालांकि, स्कूल के जिस कमरे में आरोपी टीचर रहता है, वहाँ एक ऐसी जगह है जहां मिट्टी का बर्तन रखा जाता है. स्कूल स्टाफ और बच्चों ने बयान दिया है कि वह सभी टंकी से पानी पीते हैं. स्टाफ और बच्चों का कहना है कि स्कूल में अलग से पानी नहीं रखा जाता है. ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी. वे सभी कैंपस में टंकी से पानी पीते थे. मामले की जांच कर रहे ADG ने इसे जांच का विषय बताया है. टीम का कहना है कि पूरी तरह से जांच करने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.
20 जुलाई को गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में ये पूरी घटना हुई. जहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 वर्षीय एक दलित बच्चे के मटका छूने पर स्कूल के संचालक छैल सिंह ने उसकी पिटाई की थी. इतना ही नहीं बच्चे के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया. बच्चे ने जिस मटके से पानी पिया था, वो अध्यापक छैल सिंह ने अलग रख दिया था. दलित बच्चे के द्वारा मटकी छूने से आगबबूला टीचर ने उसके साथ मारपीट की. मारपीट के बाद बच्चे के दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आई थीं. पुलिस ने मामले में टीचर की गिरफ्तारी कर ली है. आरोपी के खिलाफ जातिसूचक शब्द से अपमानित करने और मारपीट के बाद छात्र की हत्या को लेकर मामला दर्ज़ किया गया है.
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