नई दिल्ली: दिल्ली मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव के लिए नई तारीख सामने आई है. बता दें, पिछले तीन बार से दिल्ली के मेयर चुनाव को टाला जा रहा है. अब उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार ने एक बार फिर चुनाव की तारीखों को लेकर नया प्रपोज़ल भेजा है. इस बार दिल्ली सरकार ने 13 या 14 फरवरी को मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव करवाए जाने का प्रस्ताव दिया है. गौरतलब है कि 7 दिसंबर 2022 को दिल्ली नगर निगम के चुनावों का परिणाम आ चुका है. चुनावों में आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी. लेकिन इसके बाद भी दिल्ली को मेयर नहीं मिल पाया है. पिछले 3 बार हंगामें की वजह से MCD सदन की कार्यवाही टाली जा चुकी है.
बता दें, सबसे पहले 6 जनवरी को सदन की बैठक बुलाई गई थी. इसके बाद 24 जनवरी दूसरी बैठक और महीने भर के अंदर ही 6 फरवरी को तीसरी बैठक बुलाई गई थी. तीनों बार मेयर पद का चुनाव टाल दिया गया. आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों के बीच एमसीडी सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. इसके बाद बैठक को स्थगित करवा दिया गया और चुनाव को टालना पड़ा. गौरतलब है कि DMC अधिनियम 1957 के अनुसार, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव निकाय चुनावों के बाद पहले ही सदन में करवाना होता है. लेकिन दिल्ली को अब तक मेयर नहीं मिल पाया है.
निगम चुनाव संपन्न होने के दो महीने बाद भी दिल्ली को अब तक मेयर नहीं मिल पाया है. बता दें, मेयर चुनाव करवाने के लिए तीन बार से निगम सदन की कार्यवाही को स्थगित किया जा रहा है. सदन में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच बवाल इसका मुख्य कारण है. निगम चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद भी मेयर चुनाव ना कर पाने वाली आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. बुधवार (8 फरवरी) को इस याचिका पर सुनवाई हुई.
याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आज बुधवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर उम्मीदवार शैली ओबराय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में एलजी के मनोनीत सदस्यों के वोटिंग करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. जिसपर आज सुनवाई की गई.
बता दें, भाजपा और आप दोनों ने एक दूसरे पर महापौर के चुनाव को रोकने का आरोप लगाया है। विवाद की जड़ एल्डरमैन की नियुक्ति और सदन में उनके मतदान का अधिकार है। 250 निर्वाचित सदस्यों में से 134 के साथ बहुमत वाली आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार देकर उसके जनादेश को चुराने की कोशिश कर रही हैं।
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