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घर छोड़कर मुस्लिम संग भाग गई थी नेहरू की बहन, पिता के नाक के नीचे कर दिया था बड़ा कांड

क्या आपको मालूम है कि जो नेहरू अपनी बेटी इंदिरा का किसी गैर धर्म में विवाह को मन मारकर स्वीकार कर लिए, उन्हें अपनी बहन की अंतर्जातीय विवाह पसंद नहीं आया था। अपनी बहन का रिश्ता तुड़वाने के लिए उन्होंने कई हथकंडे भी अपनाये।

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Vijayalakshmi Pandit-Syed Hussain
  • December 7, 2024 1:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को एक धर्म निरपेक्ष व्यक्ति के तौर पर याद किया जाता है। क्या आपको मालूम है कि जो नेहरू अपनी बेटी इंदिरा का किसी गैर धर्म में विवाह को मन मारकर स्वीकार कर लिए, उन्हें अपनी बहन की अंतर्जातीय विवाह पसंद नहीं आया था। अपनी बहन का रिश्ता तुड़वाने के लिए उन्होंने कई हथकंडे भी अपनाये।

विजयलक्ष्मी की प्रेम कहानी

शीला रेड्डी की पुस्तक ‘मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना: द मैरिज दैट शुक इंडिया’ में विजयलक्ष्मी पंडित और सैयद हुसैन के प्रेम कहानी के बारे में कई बातें लिखी हुई है। विजयलक्ष्मी के पिता मोतीलाल नेहरू सैयद हुसैन की लेखनी से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने उन्हें ‘इंडिपेंडेंट’ अख़बार का संपादक बना दिया। उस समय इस अख़बार का दफ्तर नेहरू के निवास स्थान आनंद भवन में था। सैयद 1500 रुपये के मासिक वेतन पर रखे गए थे।

सैयद को देखकर खो बैठी

आनंद भवन में रहने के दौरान ही मोतीलाल नेहरू की बेटी विजयलक्ष्मी पंडित और सैयद की मुलाकात हुई। विजयलक्ष्मी उस समय 19 साल की थीं और सैयद 31 साल के। सैयद इंग्लैंड में पढ़े-लिखे थे और उस समय इलाहाबाद में कोई युवक इतना पढ़ा-लिखा नहीं मिलता था। अपने से 12 साल बड़े आकर्षक युवक को देखकर विजयलक्ष्मी अपना सुधबुध खो बैठी और उनसे प्यार करने लगी। कहा जाता है कि दोनों ने गुपचुप तरीके से निकाह कर लिया। पिता मोती लाल नेहरू को भनक तक नहीं लगी कि उनके घर में रहने वाला एक मुस्लिम पत्रकार उनकी बेटी से निकाह कर चुका है।

गांधी ने तुड़वाई शादी

बाद में जब मोतीलाल नेहरू को इसके बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने ऐतराज जताया। जवाहरलाल नेहरू भी इस रिश्ते से नाराज हो गए। विजयलक्ष्मी ने अपनी आत्मकथा ‘स्कोप ऑफ़ हैपिनेस’ में लिखा है कि उस समय हिन्दू-मुस्लिम एकता की बात होती थी, उन्हें लगा कि परिवार इस रिश्ते के लिए मान जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मोती लाल नेहरू ने गांधी से कहा कि वो इस रिश्ते में दखल दे। फिर महात्मा गांधी ने विजयलक्ष्मी को समझाया कि मुस्लिम से शादी नहीं हो सकती। गांधी के दबाव में आकर सैयद ने विजया से रिश्ता खत्म किया। इसके बाद विजयलक्ष्मी की शादी रणजीत पंडित से हुई.

 

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