नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाए गए लगभग 50% सीसीटीवी कैमरे इंटरनेट सुविधाओं की अनुपलब्धता और संबंधित मुद्दों के कारण काम नहीं कर रहे हैं, इस बाता का दावा अधिकारियों ने किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाए गए लगभग 50% सीसीटीवी कैमरे इंटरनेट सुविधाओं की अनुपलब्धता और संबंधित मुद्दों के कारण काम नहीं कर रहे हैं, इस बाता का दावा अधिकारियों ने किया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन स्कूलों में कुल 78,746 ब्लूटूथ कैमरे दिये गये हैं. इनमें से केवल 40,408 कैमरे ही काम कर रहे हैं, जबकि 38,338 कैमरे खराब हैं. इंटरनेट और नेटवर्क समस्याओं की चुनौती के अलावा गंदे लेंस को अस्पष्ट फुटेज के अन्य कारकों में गिना गया है. पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई स्कूल, विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों या शहर के घनी आबादी वाले हिस्सों में स्थित इंटरनेट समस्याओं का सामना कर रहे हैं या उनमें इंटरनेट ही नहीं है. मुद्दों को सुधारने के लिए कार्य प्रगति पर है.
इसके अलावा वर्तमान में कई स्कूलों में कैमरे स्थानीय स्तर पर काम कर रहे हैं और उनकी निगरानी प्रिंसिपल और स्कूल के प्रमुख (एचओएस) द्वारा की जाती है. हम इन सभी कैमरों को सामान्य सॉफ्टवेयर से जोड़ रहे हैं जो कमांड कंट्रोल रूम (सीसीआर) को फीड करेगा, अधिकारी ने कहा कि कुल 38,338 कैमरों का फीड मॉनिटरिंग सेल से जोड़ा गया है. पीडब्लूडी इस परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है. बारिश के कारण कई स्कूलों में वायरिंग की समस्या सामने आई. वहीं शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमने मुद्दों को जल्द ठीक करने के लिए रखरखाव और सीसीआर टीम को सूचित कर दिया है.
आपको बता दें कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय 2017 में गुड़गांव के एक स्कूल में वॉशरूम के अंदर सात वर्षीय छात्र की हत्या के बाद आया. उस घटना ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था, जिससे माता-पिता के बीच सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गईं.
दिल्ली सरकार ने स्कूलों के अंदर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर भी ध्यान दिया और 2019 में सीसीटीवी कैमरा परियोजना लेकर आई. मुख्य उद्देश्य दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सभी स्कूलों को सीसीटीवी निगरानी के तहत कवर करना, अपराध पर अंकुश लगाना और एक सुरक्षित सुरक्षा प्रदान करना था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माता-पिता को कक्षाओं का लाइव दृश्य देखने की अनुमति देने का भी प्रस्ताव किया गया था, लेकिन वे प्रति सत्र या कक्षा में केवल पांच मिनट के लिए ऐसे फुटेज तक पहुंच सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि लगभग 700 सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे हैं और अन्य स्कूलों में स्थापना का काम जारी है.
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