Rapid Train in Delhi: NCR को मिलेगी रैपिड ट्रेन की सौगात, दिल्ली मेट्रो से अलग होगी हर बात

नई दिल्ली: बहुत जल्द ही दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों को रैपिड रेल की सुविधा मिलने जा रही है जो देश की पहली रैपिड रेल होने वाली है. ये मेरठ से लेकर दिल्ली तक का रास्ता आसान बनाएगी. बताया जा रहा है कि इस रेल की रफ़्तार दिल्ली मेट्रो से भी तेज होने […]

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Rapid Train in Delhi: NCR को मिलेगी रैपिड ट्रेन की सौगात, दिल्ली मेट्रो से अलग होगी हर बात

Riya Kumari

  • May 18, 2023 4:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: बहुत जल्द ही दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों को रैपिड रेल की सुविधा मिलने जा रही है जो देश की पहली रैपिड रेल होने वाली है. ये मेरठ से लेकर दिल्ली तक का रास्ता आसान बनाएगी. बताया जा रहा है कि इस रेल की रफ़्तार दिल्ली मेट्रो से भी तेज होने वाली है जहां रैपिड ट्रेन में स्टॉपेज की संख्या कम होगी.

मेट्रो से अलग है रैपिड रेल

दरअसल जल्द ही दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) निर्धारित समय से पहले ही शुरू करने तैयारी कर रही है. ये कॉरिडोर कुल 82 किमी लंबा है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली और बाकी का 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है. एनसीआरटीसी दिल्ली एनसीआर के इलाकों में इस क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का नेटवर्क तैयार कर रहा है जिससे दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों को एक साथ किया जा सके. अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे विभिन्न शहरों को भी इसमें दिल्ली से जोड़ा जाएगा. ऐसे में आपके लिए भी जान लेना जरूरी है कि आखिर मेट्रो और रैपिड रेल में क्या अंतर होता है.

 

दोनों में ये है अंतर

जहां ऑनलाइन या काउंटर पर रेलवे स्टेशनों में टिकट मिला करते हैं तो मेट्रो में स्मार्ट कार्ड, क्यू आर वाले टिकट की सुविधा होती है. इसके उलट आरआरटीएस में क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल और पेपर टिकटिंग की सुविधा सभी यात्रियों को दी जाएगी. ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की भी सुविधा यात्रियों को मिलेगी.

180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने के लिए आरआरटीएस डिज़ाइन की गई है जो एक घंटे के भीतर 100 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. दूसरी ओर दिल्ली मेट्रो की रफ़्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे की है जिसमें 6 कोच वाली ट्रेन बुलेट ट्रेन की तरह दिखती है.

उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आरआरआरटीएस को ख़ास तौर पर डिज़ाइन किया गया है जो शांत तरीके और तेज रफ़्तार से लंबी दूरी तय करना चाहते हैं. मेट्रो की बात करें तो इसको राष्ट्रीय राजधानी और उसके आस-पास के शहरों के भीतर विभिन्न क्षेत्रों से जोड़े जाने के लिए बनाया गया है.

-रैपिड ट्रेन में कोच एडजस्ट होने वाली 2×2 की सीटें दी जाएंगी. इसमें यात्रियों के खड़े होने के लिए विशेष व्यवस्था भी दी गई है. इतना ही नहीं इसमें मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने की जगह, एक इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसी सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं.

– इसमें ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजें जोड़े गए हैं. इसके अलावा रैपिड रेल में दरवाजों में पुश बटन होंगे. ऐसे में यात्रियों को हर स्टेशन पर सभी दरवाजों को खोलने की जरूरत नहीं होगी.

मेट्रो की ही तरह इसमें भी एक डब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. इसमें 10-10 सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित की गई हैं.

 

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