शिमला: भारत के उत्तरी राज्यों में इस समय कुदरती कहर जारी है जिसमें आम जनता का जीवन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. देश के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की स्थिति इस समय सबसे ख़राब है जहां अकेले हिमाचल प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में बाढ़ ने 91 लोगों की जान ले ली है. […]
शिमला: भारत के उत्तरी राज्यों में इस समय कुदरती कहर जारी है जिसमें आम जनता का जीवन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. देश के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की स्थिति इस समय सबसे ख़राब है जहां अकेले हिमाचल प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में बाढ़ ने 91 लोगों की जान ले ली है.
91 people lost their lives in Himachal Pradesh from June 24 to July 13.
34 deaths happened due to landslides, cloudbust and flash floods. pic.twitter.com/DqNXA5ysOm
— ANI (@ANI) July 13, 2023
न्यूज़ एजेंसी ANI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर के बाद 91 लोग जान गंवा चुके हैं. वहीं भूस्खलन, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से 34 लोगों की मौत हुई है. बता दें, ये आंकड़े 24 जून से 13 जुलाई के बीच के हैं. बात करें पंजाब की तो यहां भी अब तक 10 लोग जान गंवा चुके हैं. उधर दिल्ली में भी यमुना का स्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे बाढ़नुमा स्थिति बनी हुई है. दिल्ली के कई रिहायशी इलाकों में यमुना नदी का पानी प्रवेश कर चुका है. यमुना नदी में पानी का स्तर 208 मीटर को पार कर गया है. बता दें, यमुना नदी में खतरे का स्तर 205.33 मीटर है जिसके अनुसार इस समय दिल्ली बाढ़ के गहरे खतरे में है.
दिल्ली में सभी गैर-जरूरी सरकारी दफ्तरों को बंद कर दिया गया है प्रभावित क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण स्कूल, कॉलेजों की भी छुट्टी कर दी गई है. सभी निजी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का रास्ता अपना लिया है. बता दें, ये फैसले उपराज्यपाल की अगुवाई में DDMA की मीटिंग में लिए गए हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ के बीच दिल्ली में पीने के पानी की समस्या होने की बात बताई है.
वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बाढ़ की वजह से बंद करना पड़ रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया है कि जलस्तर के घट जाने पर फिर से प्लांट शुरू कर दिए जाएंगे. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने विधायकों और मंत्रियों को लोगों की मदद करने के निर्दश भी दिए हैं.