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कथावाचक को किन्नर अखाड़े से मिला ऑफर, आखिर क्या है मामला जो मिलाना पड़ रहा है हाथ?

लखनऊ: देश की पहली किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी की घोषणा पर किन्नर अखाड़े ने करारा जवाब दिया है. वहीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर एवं प्रदेश अध्यक्ष साध्वी कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां ने कहा है कि जब सबका उद्देश्य एक ही है तो हमें मिलकर काम करना चाहिए। अलग-अलग रहने से उद्देश्य पर असर पड़ेगा। […]

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The narrator got an offer from Kinnar Akhara, what is the matter that he has to join hands
  • November 3, 2024 7:50 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

लखनऊ: देश की पहली किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी की घोषणा पर किन्नर अखाड़े ने करारा जवाब दिया है. वहीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर एवं प्रदेश अध्यक्ष साध्वी कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां ने कहा है कि जब सबका उद्देश्य एक ही है तो हमें मिलकर काम करना चाहिए। अलग-अलग रहने से उद्देश्य पर असर पड़ेगा। बता दें कि हिमांगी सखी ने प्रयागराज महाकुंभ में एक अलग अखाड़ा बनाने का ऐलान किया है.

 

दावा कर रही हैं

 

महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि का कहना है कि किन्नर अखाड़ा 2016 से काम कर रहा है. आगे उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़े को मान्यता दे दी है. किन्नर अखाड़ा सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े जूना से भी संबद्ध है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने कहा कि हिमांगी सखी सनातन धर्मियों को एकजुट करने और हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने का दावा कर रही हैं. ऐसे में जब सभी का उद्देश्य एक ही है तो उन्हें मिलकर काम करना चाहिए.

 

पद दिया जाएगा

 

अलग-अलग रहने से उद्देश्य पर असर पड़ेगा। उन्होंने हिमांगी सखी को किन्नर अखाड़े से जुड़कर काम करने का ऑफर दिया. वहीं हिमांगी सखी को किन्नर अखाड़े में पद दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि किन्नर अखाड़ा इस संबंध में पहल करेगा और जल्द ही हिमांगी सखी से संपर्क कर साथ मिलकर काम करने का प्रयास करेगा. उनका कहना है कि अगर उद्देश्य एक है तो हमें अलग-अलग अखाड़े बनाने के बजाय मिलकर काम करना चाहिए। महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का हवाला देते हुए कहा कि बांटोगे तो बंट जाओगे.

 

तीखी प्रतिक्रिया दी

 

बता दें कि किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी ने प्रयागराज महाकुंभ में वैष्णव किन्नर अखाड़ा नाम से एक अलग अखाड़ा बनाने की घोषणा की है. घोषणा के बाद विभिन्न अखाड़ों से जुड़े संत-महात्माओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. संतों ने नए अखाड़े के निर्माण को अनावश्यक बताया है. उन्होंने कहा कि नया अखाड़ा सनातन धर्म की एकता के संदेश को कमजोर करेगा. वहीं, हिमांगी सखी का तर्क है कि अलग रहकर काम बेहतर तरीके से किया जा सकता है.

 

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