प्रयागराज. बीते दिन अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उनका शव अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है, बताया जा रहा है कि पांच पेज का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए अपने एक शिष्य को जिम्मेदार ठहराया है. साथ में सुसाइड नोट पर सवाल भी उठ रहा है कि वो लिखना नहीं जानते थे, किसी तरह अपना साइन कर पाते थे, फिर ये किसने लिखा?
आपको बता दें कि संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि के बीच पिछले दिनों विवाद सुर्खियों में रहा था, आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था. अब महंत नरेंद्र गिरी का सुसाइड नोट ( Narendra Giri Suicide Note ) सामने आया है जिसमे उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी समेत तीन लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का इल्ज़ाम लगाया है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया है. हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया. आनंद गिरि ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि गुरूजी की हत्या की जांच हो.
बता दें कि सुसाइड नोट से पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले हप्ते भी आत्महत्या करने की सोच रहे थे. सुसाइड नोट में कथित तौर पर नरेंद्र गिरि ने लिखा था कि वे पिछले हफ्ते भी आत्महत्या के बारे में सोच रहे थे लेकिन हिम्मत नहीं कर पाए.
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि, आनंद गिरी मुझे ब्लैकमेल कर रहा था, आनंद गिरि मेरी तस्वीर वायरल करने की कोशिश कर रहा था. कंप्यूटर के जरिए आनंद गिरि लड़कियों के साथ मेरा वीडियो बना लेता और उसे वायरल करने की धमकी देता.
उन्होंने आगे लिखा, “वैसे तो मैं 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया, आज जब हरिद्वार से मुझे सूचना मिली कि 1-2 दिन में आनंद गिरि (आनंद गिरि हरिद्वार में ही रहता था) कंप्यूटर से किसी लड़की या महिला के गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर फोटो वायरल कर देगा, मैने सोचा कि मैं सफाई दूंगा, एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा, मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामय पद है. सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चलेगी लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदार आनंद गिरी, आद्या तिवारी एवं उनके लड़के संदीप तिवारी की होगी।”
महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
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