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Narada sting operation :ममता बनर्जी के तीन विधायकों को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, बौखलाई ममता खुद की गिरफ्तारी देने पहुंचीं सीबीआई दफ्तर

पश्चिम बंगाल.  सीबीआई ने सोमवार को नारद स्टिंग मामले में  छापेमारी शुरू की और अपनी जांच में टीएमसी के दिग्गजों और मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा को हिरासत में लिया. कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं. सीएम ने कहा मुझे भी गिरफ्तार करो.

टीएमसी नेताओं के साथ, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को भी उठाया गया था और बाद में उसी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में टीएमसी नेताओं को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय ले जाया गया. कुछ दिन पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई को इन टीएमसी नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.

सुबह 11.10 बजे: टीएमसी सांसद और अधिवक्ता कल्याण बनर्जी भी सीबीआई कार्यालय पहुंच गए हैं. टीएमसी ने कहा है कि वे इस मामले को कानूनी रूप से उठाएंगे.

11.09 बजे: कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय में भारी सुरक्षा उपस्थिति सीएम ममता बनर्जी और टीएमसी नेताओं के एक मेजबान के रूप में शीर्ष मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा की नजरबंदी के बाद परिसर में पहुंचे.

10.50 बजे: ममता बनर्जी अपने मंत्रियों और विधायकों की गिरफ्तारी के तुरंत बाद कोलकाता में सीबीआई कार्यालय पहुंचीं. ममता बनर्जी के साथ टीएमसी के अन्य नेता भी कार्यालय पहुंचे.

सुबह 10.30 बजे: पश्चिम बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को सोमवार सुबह सीबीआई ने उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास से उठाया.

नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में फिरहाद हकीम को पूछताछ के लिए उठाया गया था. बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हाल ही में नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की सहमति दी थी.

सुबह 10.20 बजे: जैसे ही सीबीआई की टीम ने फिरहाद हकीम को अपनी गाड़ी में बैठाया, टीएमसी के समर्थकों ने सुरक्षा बलों के साथ धक्कामुक्की की और विरोध में सड़क पर बैठ गए.

सीबीआई कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी के आवास पर भी पहुंची, जिन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ दी थी, लेकिन बाद में बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने गढ़ से टिकट से वंचित होने के बाद भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया.

राज्यपाल ने सीबीआई अभियोजन को मंजूरी दी

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई के अनुरोध पर पिछले हफ्ते फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, ये सभी मंत्री उस समय के एक अपराध के कथित कमीशन के दौरान सामने आए थे. कथित नारद स्टिंग टेप.

बता दें ये चारों ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री थे, जब 2014 में कथित तौर पर टेप बनाए गए थे.

हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में फ़रहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को टीएमसी विधायक के रूप में फिर से चुना गया है, जबकि सोवन चटर्जी, जिन्होंने टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, ने दोनों खेमों से नाता तोड़ लिया है.

पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले सार्वजनिक किए गए नारद स्टिंग टेप को 2014 में शूट किए जाने का दावा किया गया था, जिसमें टीएमसी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों जैसे लोगों को कथित तौर पर वादा किए गए एहसान के बदले एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से धन प्राप्त करते देखा गया था.

राज्यपाल धनखड़ के इस कदम के बाद, फिरहाद हकीम ने कहा था, “मुझे व्यक्तिगत रूप से अभियोजन पक्ष से कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मुझे यकीन है कि हम सभी को क्लीन चिट मिल जाएगी. भाजपा अनावश्यक रूप से मेरी छवि और करियर को खराब करने की कोशिश कर रही थी.” उन्होंने कहा, “यह अच्छा है कि मामला अदालत में जा रहा था. मैं अदालत में वही कहूंगा जो मुझे करना है और न्याय किया जाएगा.”

क्या था मामला

आपको बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने नारद स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था. इस में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के कई बड़े नेता कैमरे के सामने घूस लेकर एक फर्जी कंपनी को कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते नजर आए थे. इनमें ये सारे नेता शामिल थे. एक फर्जी कंपनी के सीईओ बने नारद न्यूज़ पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैबमुअल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में हकीम का जो वीडियो सामने आया था उसमें इन नेताओं को रुपए लेते दिखाया गया था.

कई सालों से सीबीआई कर रही है  जांच

पिछले पांच सालों से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन अभी तक कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई थी. इसके अलावा इस स्टिंग ऑपरेशन में तत्कालीन तृणमूल के कई बड़े नेता फंसे थे जिसमें मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं जो फिलहाल बीजेपी के नेता हैं. शुभेंदु अधिकारी राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. इसपर तृणमूल कांग्रेस लगातार आरोप लगाती है कि इस मामले में बीजेपी में जा चुके नेताओं के खिलाफ सीबीआई कोई एक्शन नहीं लेती.

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Aanchal Pandey

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