कोलकाता. पश्चिम बंगाल में नबन्ना अभियान को लेकर इस समय काफी बवाल मचा हुआ है. ये भारतीय जनता पार्टी का अभियान है और इसे लेकर बंगाल में सियासी गलियारों से लेकर सड़कों तक माहौल गरमाया हुआ है, वहीं कोलकाता में भाजपा लगातार इस अभियान को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं, इसी कड़ी में अब इस प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया है. अब सवाल है कि आखिर नबन्ना अभियान है क्या और भाजपा इस अभियान को क्यों चलाना छह रही है:
कहाँ से आया नबन्ना
अगर नबन्ना की बात करें तो पहले बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में हुआ करता लेकिन जब साल 2011 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्होंने हावड़ा में हुबली नदी के किनारे बिल्डिंग को सचिवालय बनाया और उसे नबान्न नाम दिया. नब से मतलब है नया और भाजपा ने ममता सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को नबान्न चलो अभियान का नाम इसलिए दिया क्योंकि वो सचिवालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे.
बता दें कि नबन्ना और कुछ नहीं बस एक बिल्डिंग है, जो हावड़ा में स्थित है. इसकी शुरुआत साल 2013 में की गई थी और यह 14 मंजिला इमारत है. यहां सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर मुख्यमंत्री का दफ्तर है और कहा जाता है कि 13वें फ्लोर में चीफ और होम सेकेट्री का ऑफिस है.
क्या है नबन्ना अभियान?
अगर हम नबन्ना अभियान की बात करें तो भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है और इन आरोपों को लेकर भाजपा ने नबन्ना अभियान की शुरुआत की है, जिसके जरिए बंगाल सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है. इस अभियान में तय किया गया था कि भाजपा कार्यकर्ता नबन्ना की ओर कूच करेंगे. इसके बाद अलग अलग जुलूस के जरिए बीजेपी कार्यकर्ता नबन्ना की तरफ जा रहे थे.
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