September 24, 2024
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CM सिद्धारमैया पर चलेगा मैसूर जमीन घोटाले का केस, HC ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

  • WRITTEN BY: Aprajita Anand
  • LAST UPDATED : September 24, 2024, 2:58 pm IST

नई दिल्ली: कर्नाटक के CM सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से बहुत बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी है. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने MUDA मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी. राज्यपाल के इस फैसले को सीएम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने कहा कि सिद्धारमैया के खिलाफ केस दायर किया जाएगा.

अवैद्य रूप से कार्य

न्यायमूर्ति एम. नागाप्रसन्ना ने इससे पहले 12 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़े मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसका फैसला मंगलवार यानि आज (24 सितंबर) को आया. यह विवाद मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर शहर में 14 प्रमुख स्थलों को अवैध रूप से आवंटित करने के आरोपों पर केंद्रित है. राज्यपाल ने प्रदीप कुमार S.P., T.J को नियुक्त किया. 16 अगस्त को अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की under section 218 मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई थी.

सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें

19 अगस्त को जारी अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया को अस्थायी राहत दी थी. अदालत ने बेंगलुरु की एक विशेष अदालत को आगे की कार्यवाही रोकने और राज्यपाल की मंजूरी के आधार पर कोई भी कार्रवाई करने से परहेज करने का निर्देश दिया था. अब याचिका खारिज होने के बाद सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

MUDA स्कैम में लगे ये आरोप

1. यह मामला CM सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर शहर में एक वैकल्पिक जगह आवंटित करने से संबंधित है.

2. दावा किया गया है कि 3 एकड़ और 16 गुंटा सुदूर भूमि अवैध रूप से प्राप्त की गई थी.

3. इस अनियमितता की शिकायत सबसे पहले शिकायतकर्ता (स्नेहमयी कृष्णा) ने की थी.

4. जिन्होंने आरोप लगाया था कि MUDA ने करोड़ों रुपये के प्लॉट हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए.

5. विपक्षी दलों ने इन आरोपों पर दावा किया कि 3,000 करोड़ रुपये की यह जमीन मूल रूप से दलित समुदाय की थी।

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