मुजफ्फरपुर के बालिका संरक्षण गृह में लड़कियों से रेप के मामले की सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग करने की अपील पटना हाई कोर्ट ने स्वीकार कर ली है. पटना हाई कोर्ट ने इस मामले पर सीबीआई और बिहार सरकार को दो सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
पटना. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस की सीबीआई जांच अब पटना हाई कोर्ट की निगरानी में होगी. पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश राजेंद्र मेनन की बेंच ने सोमवार को सीबीआई को दो हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.
नीतीश सरकार ने अपील की थी कि इस मामले की सीबीआई जांच हाई कोर्ट की निगरानी में हो जिसे स्वीकार कर लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट की निगरानी में हो और स्पेशल कोर्ट में जल्द सुनवाई हो.
एडवोकेट ललित किशोर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को राज्य के सभी शेल्टर होम्स के बारे में जानकारी देने को भी कहा है. इस मामले पर भारी विवाद बढ़ता देख नीतीश कुमार ने कहा था कि मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले पर शर्मिंदा होने की बात कही थी.
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने अपने सोशल ऑडिट में मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ रेप और यौन शोषण का खुलासा किया था. इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है जो तीन अखबारों का मालिक बताया जाता है. वह फिलहाल जेल में है. ब्रजेश ठाकुर के अलावा इस मामले में शेल्टर होम के नौ अन्य कर्मचारी भी जेल में हैं. इस मामले की जांच बढ़ने पर शेल्टर होम की 38 में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है. जबकि दो बच्चियों की स्वास्थ्य कारणों से जांच नहीं हो पाई है. लड़कियों को रेप से पहले भारी प्रताड़ित किया जाता था.
क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस का मामला, सरगना ब्रजेश ठाकुर समेत किन-किन पर क्या आरोप ?