पटना: बिहार के राजधानी पटना में मो. रिजवान की दुकान पर मृतक रामदेव साह 25 साल से काम कर रहे थे. रिजवान के घर में रामदेव बिल्कुल एक परिवार की तरह थे. मृतक रामदेव साह के अंतिम संस्कार के लिए पूरी फैमिली हिन्दू रीति-रिवाज के साथ मौजूद रही.यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रहा है.
इस धरती पर रहने वाले सभी इंसान चाहे वह हिन्दू हो, मुस्लिम या अन्य सभी एक हैं, कई ऐसे लोग जो अपने फायदों के लिए धर्मों के बीच विवाद और आपसी वैमनस्य फैला रहे हैं. मगर कुछ लोग भाईचारे को भी जिंदा रख रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार में देखने को मिल रहा है. यहां एक मुस्लिम परिवार ने पूरे रीति रिवाज के साथ एक हिंदू बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कर साबित किया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजधानी पटना में मो. रिजवान की दुकान पर रामदेव साह पिछले 25 साल से काम कर रहे थे. रिजवान के घर में रामदेव बिल्कुल एक परिवार की तरह थे, ऐसे में अंतिम संस्कार के वक्त पूरी फैमिली हिन्दू रीति-रिवाज से मृतक के साथ मौजूद रही.
देखा जा सकता है कि कैसे रामदेव के निधन के बाद मो. रिजवान का पूरे परिवार हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर रहा है. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अंतिम यात्रा के दौरान राम-नाम सत्य है भी बोला जा रहा हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार 25 वर्ष पहले रामदेव भटकते हुए मो. रिजवान की दुकान पर आए थे. उस हालत में अरमान ने रामदेव को अपनी दुकान पर काम करने के लिए रख लिया था. वह रिजवान की दुकान पर एकाउंट का काम देखते थे. 75 साल की उम्र में उनकी निधन के बाद रिजवान और उनकी फैमिली ने की अंतिम संस्कार किया.
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