लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर यूपी एआईएमआईएम अध्यक्ष शौकत अली चुनाव प्रचार करने पहुंचे. नुक्कड़ सभा में बोलते हुए उन्होंने नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी इज्जत नगीना में मुसलमानों ने ले ली, वह कल यहां भी आये थे और 35 गाड़ियों में किराये के टट्टू लेकर आये थे.
हमारे यहाँ कुछ मुस्लिम युवाओं ने कहा था कि देखते हैं कौन है चन्द्रशेखर, वह ढोल बजाने वाला भी है, भालूओं को नचाने वाला भी है, बन्दरों को भी नचाने वाला है। यूपी एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि फिर भी लोग जुटते हैं. बाद में उन्होंने अपने प्रत्याशी से कहा कि ये मेरे लोग हैं, आपके लोग कहां हैं. यूपी में चन्द्रशेखर जिस समुदाय से आते हैं उसकी आबादी महज दो फीसदी है. 2 फीसदी वाला भी नेता बनने की बात कर रहा है और 20 फीसदी लोगों से पूछ रहा है कि आपके लोग कहां हैं. अब देखिए, हमारे लोग यहां अल्हम्दुलिल्लाह हैं और 65 प्रतिशत कुंदरकी में हैं। एकजुट होकर वोट करेंगे तो AIMIM के दो विधायक बनेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि देश में सिर्फ 15 लाख लोग बिश्नोई समाज के हैं और आज पूरी दुनिया में बिश्नोई समाज को खतरा है. बिश्नोई समाज से एक सड़कछाप गुंडा आया है. अब बीजेपी और उसके लेफ्ट-राइट विंग के लोग, जो चुनाव के वक्त जमीन से कीड़े-मकौड़े निकलते हैं, कह रहे हैं कि अगर औवेसी में हिम्मत है तो बिश्नोई से दो मिनट बात करें. अरे ओवेसी अभी तो बहुत दूर है चलो हम तैयार हैं. हमारे गुरैर गांव के हाजी अफ़रोज़ तैयार हैं.
शौकत अली ने कहा कि हमें जिहादी कहा जाता है, कहा जाता है कि थूक जिहाद, पेशाब जिहाद कर रहे हैं और सब चुप रहते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि बीजेपी, आरएसएस और उसके सभी संगठन जिहाद शब्द सुनते हैं और उन अंग्रेजों से पूछते हैं जिन्होंने हमारे देश पर कब्जा किया और यहां के लोगों को गुलाम बनाया। उस समय हमारे मदरसों के उलेमाओं ने फतवा दे दिया था और मुसलमान अपनी जान की परवाह किये बिना हाथों में तलवारें लेकर निकल पड़े।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों को इस देश से भगाया गया. हम जानते हैं कि आपको इस नाम से परहेज क्यों है क्योंकि उस समय आप अंग्रेजों के तलवे चाटते थे और उनके साथ थे। कायर सावरकर ने अंग्रेजों को 5 बार पत्र लिखकर कहा था कि शासन हम पर छोड़ दो, तुम जो कहोगे हम करेंगे। उसके बाद अंग्रेजों ने सावरकर को रिहा कर दिया और वह अंग्रेजों के मुखबिर बन गए और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए काम करने लगे, जिसके कारण हमारे सैकड़ों मुजाहिदीन स्वतंत्रता सेनानियों को मौत की सजा सुनाई गई।
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