मेरठ का मुस्लिम परिवार चार पीढ़ियों से रावण के पुतले को कर रहे है डिजाइन, हर साल मिलते हैं ऑर्डर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ का मोहम्मद असलम परिवार इन दिनों रावण का पुतला डिजाइन करने में लगा हुआ है. यह परिवार आज भी 80 साल पुराने कारोबार को आगे बढ़ा रहा है. 64 वर्षीय असलम अपने पिता के व्यवसाय को संभालना है. उनके दादा ने भारत में इस कारोबार की नींव अविभाजित रखी थी। […]

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मेरठ का मुस्लिम परिवार चार पीढ़ियों से रावण के पुतले को कर रहे है डिजाइन, हर साल मिलते हैं ऑर्डर

Deonandan Mandal

  • October 23, 2023 12:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ का मोहम्मद असलम परिवार इन दिनों रावण का पुतला डिजाइन करने में लगा हुआ है. यह परिवार आज भी 80 साल पुराने कारोबार को आगे बढ़ा रहा है. 64 वर्षीय असलम अपने पिता के व्यवसाय को संभालना है. उनके दादा ने भारत में इस कारोबार की नींव अविभाजित रखी थी। तब से यह परिवार रावण का पुतला निर्माण कारोबार से जुड़ हुआ है।

43 साल पहले असलम ने अपने पिता के साथ बनाया था पुतला

उत्तर प्रदेश के मेरठ में इस परिवार को अब हर कोई जानने लगा है. आपको बता दें कि करीब 43 साल पहले मोहम्मद असलम ने अपने पिता के साथ मिलकर मेरठ शहर में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम के लिए पहली बार पुतले का निर्माण किया था। शहर के लोकप्रिय मैदान में हर साल आयोजित होने वाले रामलीला उत्सव के समापन के लिए रावण का 60 फुट का पुतला अपने पिता के साथ मिलकर मोहम्मद असलम ने बनाया था।

चारों बेटे परिवार की चौथी पीढ़ी हैं

असलम का कहना हैं कि अब मेरा लक्ष्य पिता के कारोबार को संभालना है. जब हमारे दादा ने इसकी नींव रखी थी तब देश का विभाजन नहीं हुआ था. असलम इन दिनों अपने यहां आए ऑर्डर की डिलीवरी में व्यस्त हैं. उनके चारों बेटे उनके शिष्य है. 30 वर्ष से कम के चारों बेटे परिवार की चौथी पीढ़ी हैं जो रावण के पुतला निर्माण के व्यवसाय को अपनाया है। अपने पिता की कार्य में वे सहायता करते हैं. असलम का कहना हैं कि यह कलाकारी मैंने अपने पिता से सीखी है। 80 वर्ष से अधिक हमारा व्यवसाय पुराना है। अभी भी मुझे याद है कि 1980 में मेरा पहला ऑर्डर 1400 रुपये का था।

धर्म का नहीं हुआ कोई असर

असलम का कहना हैं कि मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद धर्म ने कभी मेरे काम में किसी तरह के हस्तक्षेप नहीं किया है। मैंने कभी नहीं सोचा कि दूसरे समुदाय के लिए मैं काम कर रहा हूं और यह मेरी आजीविका है। मुझे एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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