नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत 6 आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी करार दिया है.
नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत 6 आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला को सरेंडर कर जेल जाने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है. इस बार राजद नेता मुन्ना शुक्ला वैशाली से लोकसभा चुनाव लड़े थे. आपको बता दें कि पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में 13 जून 1998 को भर्ती बृज बिहारी को गोलियों से भून डाला गया था. ट्रायल कोर्ट ने साल 2009 में राजन तिवारी, सूरजभान और मुन्ना शुक्ला समेत 9 आरोपियों को दोषी ठहराया था. अदालत ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की सजा बहाल रखी है.
साल 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सबूतों का अभाव बताकर राजन तिवारी, सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 9 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बृज बिहारी की पत्नी रमा देवी और CBI ने अपील दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर महादेवन, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने 22 अगस्त को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने राम निरंजन चौधरी, ललन सिंह, मुकेश सिंह, मंटुन चौधरी, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक राजन तिवारी की रिहाई को सही करार दिया, इस केस में शुरुआत में 15 आरोपी थे, लेकिन के ट्रायल दौरान बाकी की मौत हो गई.
आपको बता दें कि एडमिशन घोटाले में जेल में बंद बृज बिहारी प्रसाद का इलाज IGIMS में जबर्दस्त सुरक्षा घेरे में चल रहा था. इस दौरान हमलावरों ने बृज बिहारी की सुरक्षा में तैनात 3 कमांडो और 1 बॉडीकार्ड को मार डाला था. इस हत्या में यूपी का चर्चित शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला शामिल था जिसे सूरजभान सिंह का शूटर उस समय माना जाता था. बृज बिहारी की हत्या के अगले दिन विधायक अजित सरकार की भी हत्या हो गई थी और इसमें भी राजन तिवारी का नाम आया था. इसके अलवा इसमें सांसद पप्पू यादव भी आरोपी बनाए गए थे. इसके बाद साल 2013 में हाईकोर्ट ने पप्पू और राजन को बरी कर दिया, जिसके खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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