नई दिल्ली, दिल्ली नगर निगम एक बार फिर एक हो गया है. अब दिल्ली के तीनों नगर निगम मिलकर ‘म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ़ दिल्ली (एमसीडी)’ बन गई है. वहीं अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती ने अब एक हुई दिल्ली नगर निगम की ज़िम्मेदारियां संभाल ली हैं. ज्ञानेश भारती ने संभाला कार्यभार दिल्ली के तीनों नगर निगम […]
नई दिल्ली, दिल्ली नगर निगम एक बार फिर एक हो गया है. अब दिल्ली के तीनों नगर निगम मिलकर ‘म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ़ दिल्ली (एमसीडी)’ बन गई है. वहीं अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती ने अब एक हुई दिल्ली नगर निगम की ज़िम्मेदारियां संभाल ली हैं.
दिल्ली के तीनों नगर निगम अब एक हो चुके है. वहीं रविवार को अब अश्विनी कुमार ने दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी की कार्यभार संभाला है. दूसरी ओर ज्ञानेश भारती भी दिल्ली एमसीडी के नए आयुक्त बन गए हैं. अब दिल्ली के नए विशेष अधिकारी और आयुक्त के रूप में अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती नज़र आएँगे. मालूम हो ज्ञानेश भारती 1998 बैच के आईएएस हैं. वहीं 1992 बैच के आईएएस अश्विनी कुमार के पद को लेकर भी शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने अपनी मजूरी दे दी है.
बता दें, दोनों अधिकारी अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और सभी केंद्रशासित राज्यों के) कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. जहां अश्विनी कुमार जहां पुडुचेरी के मुख्य सचिव और दिल्ली के पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर रह चुके हैं. वहीं ज्ञानेश भारती दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त का पद संभाल चुके हैं. मालूम हो, इससे पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के सभी तीन नगर निगमों को एक बनाने वाली अधिसूचना को जारी कर दिया गया था. आज यानि 22 मई रविवार को दोनों अधिकारियों ने औपचारिक तौर पर अपना पद संभाल लिया है.
Ashwini Kumar, Gyanesh Bharti take charge as Special Officer, Commissioner of unified MCD
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— ANI Digital (@ani_digital) May 22, 2022
दिल्ली नगर निगम को एक करने के संबंध में पिछली तीनों नगर निगमों का कार्यकाल भी हाल ही में पूरा हुआ है. जहां बुधवार को दक्षिण दिल्ली नगर निगम का, गुरुवार को उत्तर दिल्ली नगर निगम का और रविवार को पूर्व दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो चुका है.
इस संबंध में पिछले महीने ही 18 अप्रैल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों नगर निगमों को एक बनाने वाले क़ानून ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022’ पर अपनी मंज़ूरी दी थी. हालांकि इस अधिनियम का आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध भी किया गया था. इस क़ानून में यह प्रावधान है कि जब तक दिल्ली नगर निगम का चुनाव नहीं होता, तब तक एक विशेष अधिकारी के नेतृत्व में नगर निगम के सभी काम किये जाएंगे.
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