Narayan Rane Bungalow: मुंबई HC ने केन्द्रीय मंत्री के बंगले में किए गए अवैध निर्माण को गिराने का दिया आदेश

मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई स्थित बंगले में किए गए अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया है। फैसले में अदालत ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को को दो सप्ताह के भीतर अवैध निर्माण को गिराने के निर्देश दिये है। निर्माण में हुआ नियम […]

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Narayan Rane Bungalow: मुंबई HC ने केन्द्रीय मंत्री के बंगले में किए गए अवैध निर्माण को गिराने का दिया आदेश

Satyam Kumar

  • September 20, 2022 2:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई स्थित बंगले में किए गए अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया है। फैसले में अदालत ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को को दो सप्ताह के भीतर अवैध निर्माण को गिराने के निर्देश दिये है।

निर्माण में हुआ नियम का उल्लंघन

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निर्माण के दौरान फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) और कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) में नियमों का उल्लंघन किया गया है। न्यायमूर्ति आर. डी. धानुका और न्यायमूर्ति कमल खता की एक खंडपीठ ने राणे परिवार द्वारा संचालित कंपनी की ओर से दाखिल दूसरे आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने से अनधिकृत निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

अवैध निर्माण गिराने के बाद मांगी रिपोर्ट

राणे परिवार द्वारा संचालित कंपनी ने अपने आवेदन में अनधिकृत निर्माण को नियमित करने की मांग की। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर अनाधिकृत हिस्से को गिराने का आदेश दिया और एक सप्ताह बाद अदालत को अनुपालन रिपोर्ट सौंपने के दिशानिर्देश भी दिये हैं।

केन्द्रीय मंत्री पर 10 लाख का जुर्माना

पीठ सख्त कारवाई करते हुए राणे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और इस राशि को दो सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के दिशानिर्देश दिये। वहीं राणे के वकील शार्दुल सिंह ने बचाव करते हुए अदालत से छह सप्ताह के लिए अपने आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया, जिससे वह उच्चतम न्यायालय में फैसले को लेकर अपील कर पाएं। अदालत ने उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया।

कंपनी की याचिका खारिज

बंबई उच्च न्यायालय ने राणे के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट्स की ओर से दायर किए गए उस याचिका को भी खारिज कर दिया। जिसमें बीएमसी के पूर्व आदेश से प्रभावित हुए बिना बंगले में अनधिकृत निर्माण को नियमित करने का अनुरोध किया गया था। इससे पहले बीएमसी ने जून में कंपनी के नियमितीकरण आवेदन को निर्माण हुए उल्लंघन के आधर पर खारिज कर दिया गया। कंपनी ने जुलाई में दूसरा आवेदन दाखिल किया था।

 

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