बेंगलुरु मर्डर केस में नया मोड़, महालक्ष्मी के 59 टुकड़े करने वाले कातिल मुक्ति ने बना रखा था फूलप्रूफ प्लान

नई दिल्ली : कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई महालक्ष्मी हत्याकांड में एक बड़ी खबर सामने आई है। कातिल मुक्ति रंजन रॉय ने बेशक सुसाइड कर लिया है, लेकिन उसका सुसाइड करने का कोई इरादा नहीं था। उसने तो अगले तीन महीने तक का फूलप्रूफ प्लान बना रखा था। महालक्ष्मी के शव के 59 टुकड़ों को […]

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बेंगलुरु मर्डर केस में नया मोड़, महालक्ष्मी के 59 टुकड़े करने वाले कातिल मुक्ति ने बना रखा था फूलप्रूफ प्लान

Manisha Shukla

  • September 27, 2024 5:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली : कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई महालक्ष्मी हत्याकांड में एक बड़ी खबर सामने आई है। कातिल मुक्ति रंजन रॉय ने बेशक सुसाइड कर लिया है, लेकिन उसका सुसाइड करने का कोई इरादा नहीं था। उसने तो अगले तीन महीने तक का फूलप्रूफ प्लान बना रखा था। महालक्ष्मी के शव के 59 टुकड़ों को कब और कैसे ठिकाने लगाना था। ये खुलासा खुद कातिल के भाई ने किया है।

2 सितंबर की रात 2 बजे मुक्ति रंजन ने वैलिकवल में सेल्सवुमन महालक्ष्मी की हत्या कर दी। इसके बाद हत्यारे ने महालक्ष्मी के शरीर के 59 टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और वहां से फरार हो गया। फ्लैट कई दिनों तक बंद रहा, इसलिए किसी को अंदाजा नहीं था कि वहां ऐसा अपराध हुआ है। बाद में 21 सितंबर को जब फ्लैट से दुर्गंध आने लगी, तो पड़ोसियों ने महालक्ष्मी की मां को इसकी जानकारी दी।

मृतका की मां जब वहां पहुंची, तो पता चला कि महालक्ष्मी की हत्या कर दी गई है लेकिन हत्यारे का पता नहीं चल पाया। पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो सबसे पहले महालक्ष्मी के पति हेमंत पर शक हुआ। उसके बाद अशरफ नाम का शख्स भी शक के दायरे में आया। लेकिन उन दोनों का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। जब पुलिस ने इसकी पुष्टि की, तो जांच का दायरा बढ़ाया गया। दिन-रात बारीकी से जांच की गई। पुलिस की यह मेहनत रंग लाई और हत्यारे की पहचान हो गई।

3 महीने की प्लानिंग

पुलिस के पहुंचने से पहले ही हत्यारे ने 25 सितंबर को ओडिशा के भद्रक में एक कब्रिस्तान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन वह आत्महत्या नहीं करना चाहता था। मुक्ति रंजन रॉय के भाई सत्या ने पुलिस को बताया- मुक्ति पिछले 9 दिनों से मेरे साथ रह रहा था। फिर उसने कबूल किया कि उसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी है। दो-तीन महीने बाद वह धीरे-धीरे उसके शरीर के टुकड़ों को ठिकाने लगा देगा। इस तरह किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।

डर के मारे कर ली आत्महत्या

लेकिन जब पुलिस को मुक्ति के बारे में सब पता चला तो वह डर गया। मुक्ति 25 सितंबर को बिना कुछ बताए अपने भाई के घर से निकल गया ताकि पुलिस उस तक न पहुंच जाए। वह अपना लैपटॉप और डायरी भी साथ ले गया। सुबह का समय था। वह अपने पिता की स्कूटी लेकर भाई के घर से निकल गया। तीन किलोमीटर दूर कब्रिस्तान था। उसने वहां स्कूटी रोकी। फिर वह अंदर गया और एक पेड़ से फंदा बांध लिया। फिर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

बाद में कब्रिस्तान आए लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पहले तो यह पता नहीं चल पाया कि यह व्यक्ति कौन था और उसने आत्महत्या क्यों की। लेकिन रात तक यह पता चल गया। इसके बाद ओडिशा पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस को इसकी सूचना दी। फिलहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।

 

 

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