लखनऊ। कांवड़ यात्रा को लेकर अपने बयान से मुख्तार अब्बास नकवी पलटी मार दिए हैं। उन्होंने अब कहा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सीमित आदेश से कंफ्यूजन था जो कि अब दूर हो गया है। इसमें बेवजह सांप्रदायिकता का रंग चढ़ाना जरूरी नहीं है। योगी सरकार ने अपने फैसले में सबको कहा है नाम लिखने के लिए। ये कांवड़ियों के आस्था का सवाल है फिर इसमें हिंदू और मुसलमान कहां से आता है। ये फैसला सबके लिए है तो फिर इसपर किसी को ऐतराज क्यों होना चाहिए?
मालूम हो कि सीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। सभी दुकानों और ठेलों पर नाम लिखा जाएं ताकि कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान ले रहे हैं।
बता दें कि सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का निर्देश दिया था। इसे लेकर पुलिस का कहना था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। पुलिस के इस आदेश पर देशभर से लोगों ने प्रतिक्रिया दी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को सामाजिक अपराध और तानाशाही फैसला बताया। वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने इसकी तुलना नाजी शासन से की।
कांवड़ यात्रा पर CM योगी के फैसले को लेकर NDA में घमासान, RLD ने उठाए सवाल
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