लखनऊ: गाजीपुर में माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को 30 मार्च को उनके पैतृक निवास मोहम्मदाबाद के पास काली बाग स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. मुख्तार की मौत पर कई राजनीतिक पार्टियां ने अपनी संवेदना व्यक्त की. बसपा प्रमुख से लेकर अखिलेश यादव, कांग्रेस के कई नेता ने मुख्तार के मौत पर राज्य […]
लखनऊ: गाजीपुर में माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को 30 मार्च को उनके पैतृक निवास मोहम्मदाबाद के पास काली बाग स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. मुख्तार की मौत पर कई राजनीतिक पार्टियां ने अपनी संवेदना व्यक्त की. बसपा प्रमुख से लेकर अखिलेश यादव, कांग्रेस के कई नेता ने मुख्तार के मौत पर राज्य सरकार के प्रशासन व्यवस्था पर सवाल उठाए. वहीं ओपी राजभर ने कहा कि वो गरीबों के मसीहा थे।
अफजाल अंसारी से मिलने आजमगढ़ के सपा विधायक ने शुक्रवार रात को ही गाजीपुर पहुंच गए थे. वहीं अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी 31 मार्च को गाजीपुर पहुंचकर मुख्तार अंसारी के परिजनों से मुलाकात की. अंसारी मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी से उन्होंने मुलाकात की. बता दें कि गुरुवार रात 8 बजे के बाद बांदा अस्पताल द्वारा एक बुलेटिन जारी किया गया था जिसमें मुख्तार अंसारी के मौत की वजह दिल का दौरा बताया गया था।
मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से मुलाकात के बाद प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस तरह से सरकारी तंत्र ने सारी नैतिकता को ताक पर रखकर मुख्तार अंसारी के साथ घटिया काम किया है वो निंदनीय है, न्यायपालिका को जो काम करना चाहिए, आज सरकारी तंत्र खुद सरकारी गुंडा तंत्र के बल पर काम कर रही है. हम अपराधी हैं या नहीं है, ये फैसला न्यायपालिका को करना होता है, लेकिन आज न्यायपालिका को भी दरकिनार कर यूपी सरकार अराजकता के रास्ते पर आगे बढ़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।
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