नई दिल्ली : पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA मामले में कथित घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद अब लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कोर्ट ने सीआरपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। […]
नई दिल्ली : पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA मामले में कथित घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद अब लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कोर्ट ने सीआरपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिद्धारमैया का बचाव किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “कानून अपना काम करेगा… MUDA के लोग जो चाहें, कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सरकार इस पर प्रतिक्रिया दे, क्योंकि यह एक स्वायत्त निकाय है, वे कार्रवाई कर सकते हैं… अगर सिद्धारमैया ने व्यक्तिगत रूप से कोई अपराध किया है तो वे जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है… उनका (भाजपा) मुख्य उद्देश्य कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना है, यह उचित नहीं है, उनके (सिद्धारमैया) पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता…”
एफआईआर में सिद्धारमैया को आरोपी नंबर 1, उनकी पत्नी पार्वती को आरोपी नंबर 2 और बामैदा मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नंबर 3 के रूप में नामित किया गया है। अदालत ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत जांच करने और 24 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
MUDA मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक स्नेहमयी कृष्णा ने गुरुवार (26 सितंबर, 2024) को चिंता व्यक्त की थी कि इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। कृष्णा ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त पुलिस अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रही है और मैसूर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक टी.जे.उदेश से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
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