भोपाल : इंदौर शहर के धार कोठी रहवासी संघ ने रविवार को सैकड़ों बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने की साजिश को नाकाम कर दिया। ईसाई मशीनरी के कर्मचारी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों के बच्चों को मेडिकल टेस्ट के बहाने इकट्ठा करने के बाद उन्हें नाश्ता, महंगे खिलौने, किताबें, पैसे और नौकरी का लालच देकर ईसाई बना रहे थे।
पुलिस ने चार महिलाओं को गिरफ्तार किया है जबकि गिरोह में शामिल आठ अन्य लोगों की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक बच्चों ने बताया कि उन्हें भगवान राम और कृष्ण की पूजा बंद करने की सलाह दी जा रही थी। उन्हें क्रॉस का प्रतीक देकर प्रार्थना कराई जा रही थी। कहा जा रहा था कि अब तुम प्रभु यीशु के घर जा रहे हो। आज से तुम यीशु के बच्चे हो। पुलिस के मुताबिक, महिलाओं ने पूर्व में भी इस तरह के कैंप लगाना स्वीकारा है।
भीड़ देखकर कुछ रहवासियों को संदेह हुआ और उन्होंने बच्चों को समझा रही महिलाओं से पूछताछ की। महिलाओं ने गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि वे बच्चों को मेडिकल टेस्ट के लिए लेकर आई हैं, लेकिन उनके परिजनों ने सच बताया कि इसी बहाने बच्चों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण के लिए लालच दिया जा रहा है।
धर्मांतरण के खेल में बड़ी संख्या में हिंदू युवक-युवतियां भी शामिल हो गए हैं। ईसाई धर्म से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें पैसे, सरकारी योजनाओं का लाभ, बच्चों की पढ़ाई और मुफ्त इलाज का लालच देकर जाल में फंसाया है।
महिलाओं को मध्य प्रदेश के घरेलू कामकाज के कार्ड दिए गए हैं। ईसाई धर्म स्वीकार करने के बाद महिलाएं इंदौर के राजेंद्रनगर, निरंजनपुर, रिंग रोड, राजेंद्रनगर, आजादनगर, खुड़ैल, गांधीनगर, बाणगंगा, लसूड़िया मोरी क्षेत्र में घूम-घूम कर गरीब बस्तियों के बच्चों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने के लिए एकजुट करती हैं।
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