शहर के जिला प्रशासन ने अधेड़ व्यक्ति का रेस्क्यू कर उसे सेंटर पहुंचाया, जहां उसकी देखभाल की जाएगी और काउंसलिंग की जाएगी। उसी दिन विभाग ने शहर से एक महिला का भी रेस्क्यू किया और उसे उज्जैन ले गया। हालांकि बाद में पता चला कि महिला इंदौर नगर निगम में सफाई कर्मचारी है। आगे पढ़ें खबर ....
भोपाल : मध्य प्रदेश के इंदौर की सड़कों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए चल रहे अभियान के दौरान जिला प्रशासन ने हैदराबाद से शहर में भीख मांगने आए एक अधेड़ व्यक्ति का रेस्क्यू किया। यह बचाव अभियान राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाया गया, जिसने दावा किया कि उसके पास से हैदराबाद से इंदौर तक का ट्रेन टिकट (स्लीपर क्लास) और 20,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
शहर के जिला प्रशासन ने अधेड़ व्यक्ति का रेस्क्यू कर उसे सेंटर पहुंचाया, जहां उसकी देखभाल की जाएगी और काउंसलिंग की जाएगी। उसी दिन विभाग ने शहर से एक महिला का भी रेस्क्यू किया और उसे उज्जैन ले गया। हालांकि बाद में पता चला कि महिला इंदौर नगर निगम में सफाई कर्मचारी है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने आरोप लगाया कि जब वह सफाई का काम खत्म करके बाजार में बैठी थी, तो कुछ लोगों ने उसे जबरदस्ती उठा लिया।
हालांकि इंदौर में बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि महिला एक मंदिर में भीख मांगती मिली थी, जिसके बाद अभियान के तहत महिला अधिकारियों की एक टीम ने उसका रेस्क्यू किया गया। इंदौर जिला प्रशासन शहर में सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए अभियान चला रहा है।
प्रशासन ने इस मुद्दे पर एक टीम तैनात की है, जो अन्य विभागों के सहयोग से इस उद्देश्य के लिए जमीनी स्तर पर अभियान चलाएगी। बचाए गए बाल मजदूरों/भिखारियों की काउंसलिंग की जा रही है, उसके बाद उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि उनका उचित पुनर्वास हो सके और वे सड़कों पर भीख मांगने के लिए वापस न आएं।
मिश्रा ने कहा, “बचाए गए लोगों की तीन चरणों में काउंसलिंग की जाती है और अगर वे फिर भी सड़कों पर भीख मांगते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया होती है।” कुछ दिन पहले, विभाग ने इंदौर में एक मंदिर के पास से एक महिला भिखारी को बचाया था और उसके पास से 75,000 रुपये से अधिक की नकदी बरामद की थी। शहर प्रशासन ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान महिला ने कबूल किया कि उसने इलाके में भीख मांगकर एक महीने में यह पैसा (75,000 रुपये से अधिक) कमाया था।
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