महाराष्ट्र के नांदेड़ में अप्रैल 2006 में हुए ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने 12 लोगों को बरी कर दिया है. नांदेड़ की एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है. अब कोर्ट के फैसले पर एमपी के राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
भोपाल: महाराष्ट्र के नांदेड़ में अप्रैल 2006 में हुए ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने 12 लोगों को बरी कर दिया है. नांदेड़ की एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है. अब कोर्ट के फैसले पर एमपी के राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, उस वक्त यह निर्दोष लोगों को फंसाने की कांग्रेस की चाल थी.
मीडिया से बात करते हुए राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा, ”उस समय यह निर्दोष लोगों को फंसाने की कांग्रेस की चाल थी. अब कोर्ट के फैसले से सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. कांग्रेस ने उस समय हिंदू आतंकवाद को लेकर जो मानसिकता फैलाई थी, वह उजागर हो गई है. वहीं उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की थी, लेकिन अब कोर्ट के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है.
यह कांग्रेस का बनाया हुआ एजेंडा था, इसमें कोई सच्चाई नहीं थी. आपको बता दें कि 6 अप्रैल 2006 को नांदेड़ के पाटबंधारे नगर के एक घर से जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई थी. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां नरेश राकोंडावर और हिमांशु पांसे को मृत पाया। इसके अलावा चार अन्य लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत में कहा गया कि यह हादसा पटाखों में विस्फोट के कारण हुआ. हालांकि, अगले दिन घर की तलाशी लेने के बाद मामला एटीएस को सौंप दिया गया.
इसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. जांच में पता चला कि आरोपियों के तार पुणे, परभणी और जालना ब्लास्ट से भी जुड़े थे। ,सीबीआई ने दो हजार पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल की थी. इस मामले में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिल सका.
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