नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की चर्चित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने न्याय प्रक्रिया में देरी के लिए एमपी हाईकोर्ट जबलपुर को फटकार लगाई है। सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केस की अर्जेंसी को समझते […]
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की चर्चित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने न्याय प्रक्रिया में देरी के लिए एमपी हाईकोर्ट जबलपुर को फटकार लगाई है। सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केस की अर्जेंसी को समझते हुए उच्च न्यायालय एक दो दिन में ही केस की सुनवाई करें।
सर्वोच्च न्यायालय ने फरियादी निशा बांगरे को एक से दो दिन में उच्च न्यायालय से संपर्क करने को कहा और उम्मीद जताई है कि उसके इस निर्देश के बाद इस मामले की वहां अर्जेंट सुनवाई कर त्वरित न्याय प्रदान किया जाएगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आगामी विधानसभा चुनाव की नामांकन तारीखों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि याचिकाकर्ता निशा बांगरे की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में शनिवार को विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी। सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से त्तकाल सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना व पीएस नरसिम्हा ने की। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा।
तीन महीने पहले निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से मध्य प्रदेश सरकार को इस्तीफा दे चुकी हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने न तो उनका इस्तीफा स्वीकार किया है और ना ही इसे स्वीकार नहीं करने का कोई उचित कारण बताया है। बता दें कि निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहती हैं।