भारत में शराब के शौकीन लोग हर राज्य में मौजूद हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर राज्य में शराब की कीमतें अलग-अलग क्यों होती हैं
नई दिल्ली: भारत में शराब के शौकीन लोग हर राज्य में मौजूद हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर राज्य में शराब की कीमतें अलग-अलग क्यों होती हैं? इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शराब को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) से बाहर रखा गया है। जिस तरह पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की व्यवस्था है, वैसे ही शराब पर भी टैक्स का निर्धारण हर राज्य के हिसाब से होता है।
शराब पर सरकार की ‘वन नेशन-वन टैक्स’ पॉलिसी लागू नहीं होती है। इसका मतलब है कि शराब पर लगने वाले टैक्स हर राज्य में अलग-अलग होते हैं। राज्य सरकारें अपने हिसाब से शराब पर टैक्स प्लान करती हैं, जिससे कुछ राज्यों में शराब सस्ती होती है जबकि कुछ में महंगी।
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में शराब सबसे ज्यादा महंगी है। यहां एक शराब की बोतल औसतन 513 रुपये की मिलती है, जिसमें 83 रुपये का टैक्स शामिल होता है। इसके बाद तेलंगाना का नाम आता है, जहां एक शराब की बोतल औसतन 246 रुपये की होती है और उस पर 68 रुपये का टैक्स लगता है। महाराष्ट्र भी उन राज्यों में शामिल है जहां शराब की बोतलें काफी महंगी होती हैं।
दूसरी ओर, गोवा में शराब सबसे सस्ती मिलती है। गोवा में एक शराब की बोतल केवल 100 रुपये की होती है। गोवा का शराब पर्यटन पर निर्भर होना एक बड़ा कारण है कि वहां शराब पर टैक्स बहुत कम लगाया जाता है। इस कारण गोवा में सभी प्रकार की शराबें काफी सस्ते दामों पर मिलती हैं।
शराब की कीमतें राज्यवार अलग-अलग होने का मुख्य कारण यह है कि शराब पर जीएसटी लागू नहीं है और हर राज्य अपनी टैक्स पॉलिसी के हिसाब से शराब पर टैक्स लगाता है। कर्नाटक में जहां शराब सबसे महंगी है, वहीं गोवा में यह सबसे सस्ती मिलती है। इस प्रकार, राज्य सरकारों की टैक्स नीति शराब की कीमतों को निर्धारित करती है।
ये भी पढ़ें: हरियाणा में टैक्सी चालक के घर ईडी की सनसनीखेज रेड, जानें क्या है पूरा राज