गांधीनगर. गुजरात के मोरबी में बीते दिनों भीषण हादसा हो गया. इस हादसे में लगभग 135 लोगों की जान जा चुकी है, ये अब तक के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक है. गुजरात के मोरबी पुल हादसे के बाद शहर में ऐसे हालात बन गए कि मृतकों को कफन दफनाने की भी किल्ल्त हो […]
गांधीनगर. गुजरात के मोरबी में बीते दिनों भीषण हादसा हो गया. इस हादसे में लगभग 135 लोगों की जान जा चुकी है, ये अब तक के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक है. गुजरात के मोरबी पुल हादसे के बाद शहर में ऐसे हालात बन गए कि मृतकों को कफन दफनाने की भी किल्ल्त हो गई, वहीं शहर के चारों कब्रिस्तान में हादसे के बाद शवों की ऐसी बाढ़ आ गई है कि कब्र खुदाई के इंतजार में शवों को कतार में लगना पड़ा है और न सिर्फ कब्रिस्तान ठीक ऐसी ही हालत शहर के सातों शमशान में भी देखने को मिली. यहां तो चिता सजाने के लिए ना तो जगह बची और ना ही अंतिम संस्कार करवाने के लिए पंडित मिल पाए. ऐसे में यहाँ परिजन अपनों के शवों के साथ बिलख रहे हैं. बताया जा रहा है कि अभी भी काफी शवों का कफन और दफन बाकी है लेकिन जगह ही नहीं मिल पा रही है.
आदमी पूरी ज़िन्दगी चीज़ों के लिए दर-दर भटकता रहता है, उसे एक-एक चीज़ के लिए इंतज़ार करना पड़ता है. अब अगर मरने के बाद भी इंतजार करना पड़े तो लोगों को बहुत दुख होता है, लेकिन मोरबी हादसे के बाद कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, दरअसल मोरबी हादसे में शिकार हुए लोगों को पहले तो अस्पताल में इलाज के लिए काफी इंतजार करना पड़ा. वहीं जब मर गए तब भी पोस्टमार्टम के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, इस दौरान शवों की दुर्गति तो हो ही रही थी साथ ही परिजनों का सब्र भी जवाब देने लगा था, जानकारी के मुताबिक हालत इतने बिगड़ गए हैं कि शहर के चारो शमशान में कब्र खोदने के लिए 150 लोगों को लगाया गया है.
वहीं, सोमवार की शाम तक इन सभी लोगों ने 26 लोगों के दफन के लिए कब्र खोदी है और यही आलम मंगलवार को भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार को भी यहाँ कब्रों की खुदाई जारी है, आज दफन हो चुके सभी मृतकों के लिए जियारत और फातिहा भी पढ़ा जा रहा है. उधर, शहर के सातों शमशान में 20 से ज्यादा पंडित क्रिया क्रम करवा रहे हैं.
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