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मोरबी हादसे को लेकर राजकीय शोक की घोषणा, नहीं होंगे कोई समारोह या कार्यक्रम

गांधीनगर: गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मोरबी के मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने ऐतिहासिक पुल के गिर जाने से करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं। इस हादसे के बाद राज्य में 2 नवंबर को राजकीय शोक की […]

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Morbi Bridge Collapse
  • November 1, 2022 9:00 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

गांधीनगर: गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मोरबी के मच्छु नदी पर बने 143 साल पुराने ऐतिहासिक पुल के गिर जाने से करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं। इस हादसे के बाद राज्य में 2 नवंबर को राजकीय शोक की घोषणा की गई। पीएम मोदी और गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल के बीच सोमवार को बातचीत हुई, जिसके बाद ये ऐलान किया गया। इस हादसे में अब तक 134 लोगों की जान जा चुकी है।

बता दें इससे पहले मोरबी हादसा के मद्देनजर रखते हुए गांधीनगर राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उच्च स्तरीय बैठक थी। इस दौरान बचाव अभियान और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस बैठक के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर राजकीय शोक का ऐलान किया।

ट्वीट कर दी जानकारी

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया- “प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में गांधीनगर राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में मोरबी पुल हादसे में मृतकों के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राज्यव्यापी शोक मनाने का फैसला किया गया। राज्य में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका नजर आगा। साथ ही कोई समारोह या मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।”

मोरबी पहुंचेंगे प्रधानमंत्री

इसी बीच खबर सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री मोदी आज मोरबी जाएंगे। वहां पर वह पुल हादसे वाली जगह का जायजा लेंगे। बता दें कि इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने घटनास्थल का जायजा लिया था।

143 साल पुराना था पुल

गौरतलब है कि मोरबी का यह ऐतिहासिक केबल पुल 143 साल पुराना है। इसकी लंबाई 765 फीट है। इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (पहले बंबई) के गर्वनर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रूपये आई थी। बताया जाता है कि पुल बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगाया गया था। दिवाली से पहले इस पुल की 2 करोड़ रूपये में मरम्मत की गई थी।

 

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