लखनऊ: मुरादाबाद पीतल नगरी (ब्रास सिटी) के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर है। यहाँ बने पीतल की चीज़े देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। तो अब पीतल के कारीगरों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें प्रदूषण के खिलाफ जंग नहीं लड़नी होगी। अब यहाँ अत्याधुनिक कॉमन फर्नेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। 24 करोड़ […]
लखनऊ: मुरादाबाद पीतल नगरी (ब्रास सिटी) के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर है। यहाँ बने पीतल की चीज़े देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। तो अब पीतल के कारीगरों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें प्रदूषण के खिलाफ जंग नहीं लड़नी होगी। अब यहाँ अत्याधुनिक कॉमन फर्नेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। 24 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हाईटेक कॉमन किलन सेंटर पर 100 भट्टियाँ लगाई जाएँगी। सारा प्रदूषण मुक्त होगा।
एक आँकड़े के मुताबिक यहाँ 5,400 पीतल के कारीगर हैं। जो पीतल की ढलाई से लेकर घर के इंटीरियर को क्राफ्टिंग और पॉलिश करने का काम करते हैं। वे पीतल को पिघलाने के लिए कोयले की भट्टियों का उपयोग करते हैं। इससे महानगर में प्रदूषण की समस्या बनी रहती है और हाल के वर्षों में मुरादाबाद भी प्रदूषण के लिए कुख्यात रहा है। नगर निकाय ने भी प्रदूषण के स्तर में सुधार के लिए सराहनीय प्रयास किया है। कोयले के भट्ठों को हटाने से इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग बहुत सफल हो गया है।
इसी वजह से दस लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची में मुरादाबाद स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में देश में पहले नंबर पर था। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में स्मार्ट सिटी योजना के तहत लकड़ी फजलपुर में 24.11 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कॉमन फर्नेस सेंटर का निर्माण किया जायेगा। निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। इसमें 100 पीएनजी गैस से चलने वाले भट्टियाँ लगाई जाएँगी। सभी भट्टियाँ प्रदूषण से मुक्त होगी।
आपको बता दें, कोटिंग के लिए उत्पाद को दूसरे राज्यों में न भेजने से वक़्त और पैसे का मुनाफा होगा बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार से उनका एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इससे लगभग दो हजार लोगों को और काम भी मिलेगा। इसकी मदद से आस-पास के कारीगरों की आय में 1.25 से 1.5 गुना की बढ़ोतरी होगी।
इस बारे में नगर आयुक्त संजय चौहान ने कहा कि कॉमन फर्नेस सेंटर पीतल के कारीगरों के लिए वरदान साबित होगा। एनजीटी की सिफारिश पर शिल्पकारों से नौकरी छिनने का मुद्दा उठाया था। यह खत्म होगा। पीतल के कारीगर अपने हिसाब से शेड्यूल बुक करेंगे और वहाँ पीएनजी से चलने वाले आधुनिक भट्ठों में काम करेंगे। टोरेंट गैस कनेक्शन भी लगाया जाएगा।