लखनऊ: 7 अगस्त से उत्तर प्रदेश के राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है जो पांच दिन चलेगा. 11 अगस्त को यूपी के राज्य विधानसभा का मानसून सत्र ख़त्म होगा जहां कई मुद्दों पर हंगामा होने की आशंका है. एक ओर योगी सरकार कई प्रस्तावों को सदन में मंजूरी दिलाने की तैयारी में […]
लखनऊ: 7 अगस्त से उत्तर प्रदेश के राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है जो पांच दिन चलेगा. 11 अगस्त को यूपी के राज्य विधानसभा का मानसून सत्र ख़त्म होगा जहां कई मुद्दों पर हंगामा होने की आशंका है. एक ओर योगी सरकार कई प्रस्तावों को सदन में मंजूरी दिलाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर विपक्ष लगातार सरकार को सदन में घेरने की योजना बना रहा है.
बता दें, पहले ही विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बिजली, स्वास्थ्य और कानून- व्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर योगी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि यह योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का तीसरा सत्र होने वाला है. सचिव के वरिष्ठ अधिकारी राजेश सिंह ने इस बात की जानकारी दी है कि 7 अगस्त, सुबह 11 बजे से यूपी राज्य विधानसभा में मानसून सत्र की शुरुआत हो जाएगी.
इस सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के योगी सरकार कुछ विधेयक और अध्यादेश भी पेश करने वाली है. इस बार विधानसभा में नई नियमावली भी पेश किए जाने की संभावना है. एक ओर योगी सरकार जहां पानी उपलब्धियां गिनवाएगी वहीं विपक्ष सरकार के अनुपूरक बजट समेत कई मुद्दों को उठाएगा. विधानसभा में सत्ता पक्ष की ताकत इस समय बढ़ गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुभासपा के छह सदस्य जुड़ने के बाद योगी सरकार का पॉवर गेम 280 हो गया है.
गौरतलब है कि इस समय संसद का भी मानसून सत्र जारी है. इस सत्र के दौरान मणिपुर मामले को लेकर लगातार हंगामा देखा जा रहा है. विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक इस मुद्दे पर चर्चा की बात कह चुके हैं लेकिन अब तक मणिपुर मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा नहीं हो पाई है. वहीं विपक्ष महागठबंधन INDIA की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इस प्रस्ताव को लाने के पीछे मणिपुर माले को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही चाहता है. दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से साफ़ कर दिया गया है कि वह सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष मणिपुर जैसे मामले को लेकर ज़्यादा गंभीर नहीं है और राजनीति कर रहा है. ऐसे में संसद के मानसून सत्र का अधिकांश समय आरोपों प्रत्यारोपों और हंगामे की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है.