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क्या सिर्फ समलैंगिक लोगों को हो रहा मंकीपॉक्स?

नई दिल्ली, मंकीपॉक्स अब धीरे-धीरे देश में अपने पैर पसारने लगा है. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल में सामने आया था, उसके बाद से अब तक देश में कुल 9 मामले सामने आ चुके हैं. केरल में 22 साल के एक युवक की मंकीपॉक्स से मौत भी हो चुकी है. […]

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क्या सिर्फ समलैंगिक लोगों को हो रहा मंकीपॉक्स?
  • August 5, 2022 3:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, मंकीपॉक्स अब धीरे-धीरे देश में अपने पैर पसारने लगा है. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल में सामने आया था, उसके बाद से अब तक देश में कुल 9 मामले सामने आ चुके हैं. केरल में 22 साल के एक युवक की मंकीपॉक्स से मौत भी हो चुकी है. अब चूंकि मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ने लगा है, इसलिए इसके बारे में जो भी गलतफ़हमी आपके मन में है उसे दूर कर लें:

किन लोगों को होता है मंकीपॉक्स

क्या है वो गलतफहमी? मंकीपॉक्स को लेकर सबसे बड़ी गलतफहमी ये है कि सिर्फ समलैंगिक पुरुषों को ही इसका खतरा है. और महिलाओं को इससे संक्रमित होने का खतरा कम है, लेकिन मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती इसलिए इसमें स्त्री पुरुष जैसा कुछ नहीं है. पुरुष या महिला होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, बता दें, राजधानी दिल्ली में एक महिला मंकीपॉक्स से संक्रमित मिली है.

दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयसस ने कुछ दिन पहले कहा था कि मंकीपॉक्स का सबसे पहला मामला मई में सामने आया था और इसके बाद से मामले बढ़ने लगे थे, बायसेक्शुअल और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में भी मंकीपॉक्स पाया गया है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि सिर्फ बायसेक्शुअल लोगों में ही मंकीपॉक्स संक्रमण पाया जाए, ये किसी को भी हो सकता है.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

लक्षणों की बात करें मंकीपॉक्स होने पर आमतौर पर बुखार आता है. इसके अलावा ये दाने और गांठ के जरिये उभरता है जिस कारण कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. इस रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं, जो अपने आप दूर हो जाते हैं. लेकिन स्थिति गंभीर होने पर मृत्यु भी हो सकती है.

किन्हें ज्यादा खतरा?

जानवरों (बंदर, गिलहरी, जंगली कृन्तकों) या जानवरों के मांस (जंगली जानवर) के साथ लंबे समय तक संपर्क या संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में रहने वालों को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है. यह हवा के माध्यम से नहीं फैलता है, लेकिन अगर कोई संक्रमित रोगी (3 घंटे, 2 मीटर के भीतर) के निकट संपर्क में है, तो बड़ी ड्रॉपलेट्स के जरिए उसे ये संक्रमण हो सकता है. मंकीपॉक्स चेचक और छोटी माता से कम संक्रामक है.

 

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