नई दिल्ली, मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है, वहीं केरल के बाद अब दिल्ली और तेलंगाना में भी मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं. बता दें, राजधानी दिल्ली में जो व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है, उसका अंतर्राष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है. इससे […]
नई दिल्ली, मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है, वहीं केरल के बाद अब दिल्ली और तेलंगाना में भी मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं. बता दें, राजधानी दिल्ली में जो व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है, उसका अंतर्राष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.
इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं. ये तीनों ही मरीज यूएई की यात्रा से लौटे थे और वहीं पर ये किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे. अब ऐसे समय में लोगों में मन में ये चिंता सता रही है कि कहीं देश में मंकीपॉक्स का कम्युनिटी स्प्रेड तो नहीं हो रहा. आइए आज आपको इस मंकीपॉक्स वायरस के बारे में बताते हैं:
लक्षणों की बात करें मंकीपॉक्स होने पर आमतौर पर बुखार आता है. इसके अलावा दाने और गांठ के जरिये उभरता है जिस कारण कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. इस रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं, जो अपने आप दूर हो जाते हैं. लेकिन स्थिति गंभीर होने पर मृत्यु भी हो सकती है. बता दें, इस बीमारी से मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है.
जानवरों (बंदर, गिलहरी, जंगली कृन्तकों) या जानवरों के मांस (जंगली जानवर) के साथ लंबे समय तक संपर्क या संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में रहने वालों को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है. यह हवा के माध्यम से नहीं फैलता है, लेकिन अगर कोई संक्रमित रोगी (3 घंटे, 2 मीटर के भीतर) के निकट संपर्क में है, तो बड़ी ड्रॉपलेट्स के जरिए उसे ये संक्रमण हो सकता है. मंकीपॉक्स चेचक और छोटी माता से कम संक्रामक है.
इस बिमारी का पशु से मानव ट्रांसमिशन होना हो संभव है ही साथ ही, मानव से मानव ट्रांसमिशन भी संभव है. हालाँकि इससे घबराने की कोई बात नहीं है. एक यह वायरस संक्रमित जानवर के मांस का सेवन या उसके शरीर के स्राव के संपर्क में आने से मानव में फैलता है. वहीं, जानवर के काटने या खरोंचने से मनुष्यों से मनुष्यों में यह रोग फैलता है.
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए तीन सप्ताह के लिए अपने आप को कमरे में अलग कर लें, जब तक कि सभी घाव खत्म न हो जाएं. आमतौर पर मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण की अवधि 5 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 4 से 21 दिनों तक भी हो सकती है.
इस साल की शुरुआत में 47 देशों से मंकीपॉक्स के 3040 मामले सामने आए. तब से, इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है और अब 75 देशों और से मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिसमें से पांच मौतें भी हुई हैं.