Money in Poor People Bank Accounts: पश्चिम बंगाल के पूर्ब बर्धमान जिले में 150 से ज्यादा गरीबों के खाते में रहस्यमय तरीके से कुछ रकम जमा हुई है. इस रकम के बारे में कोई नहीं जान पा रहा है कि कहां से या किस ने डलवाई है. जिनके खातों में ये रकम पहुंची वो लोग खुश हैं लेकिन बैंक प्रबंधन इस बारे में जानकारी जुटाने में लग गया है.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के पूर्ब बर्धमान जिले में लोगों को बिना किसी जानकारी के कुछ रकम मिली है. ये रकम लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुई है. लगभग 150 से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में 2 हजार से 24 हजार रुपये तक जमा हो गए है. इस रकम को देखकर लोग बेहद खुश हैं लेकिन बैंक प्रबंधन हैरानी में आ गया है. बैंक इस बारे में जानकारी जुटाने में लग गया है कि पैसे रहस्यमय तरीके से कहां से आ रहे हैं. ये मामला पश्चिम बंगाल के पूर्ब बर्धमान जिला स्थित कटवा अनुमंडल का है. इलाके में लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा गरीब लोगों के खातों में अचानक बिना किसी जानकारी के पैसे जमा होने लगे. ये धनराशि 2 हजार से 24 हजार तक की है.
बैंक अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी खातों में जमा की गई रकम एक्सिस बैंक से एनईएफटी के जरिए जमा हुई है. इस बारे में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कटवा शाखा प्रबंधक धर्मदास मंडल ने कहा, ‘सभी खातों में 1 जनवरी 2019 से पैसे जमा हुए हैं. किसी के खाते में 2 हजार तो किसी के खाते में 24 हजार रुपये जमा हुए हैं. लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि यह पैसे क्यों और कैसे इन लोगों के खातों में जमा हो रहे हैं.’ बता दें कि पिछले 2 दिनों में लोगों को इस बात की जानकारी हुई. अब लोग बैंक के बाहर लंबी लाइन लगाकर अपनी पास बुक लिए खड़े हैं. सभी को पास बुक में एंट्री करवा कर देखना है कि कहीं उनके खाते में भी कोई रकम जमा हुई है या नहीं. साथ ही जिन लोगों के खातों में पैसे जमा हुए हैं वो पैसे निकालने के लिए बैंक के बाहर लाइन लगाकर खड़े हैं.
कटवा अनुमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी सौमेन पाल ने कहा, ‘उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है. इस मामले में वो जांच होने के बाद ही कुछ जवाब दे पाएंगे.’ स्थानीय विधायक शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘ये पैसे किसी स्कीम के तहत लोगों के खातों में आ रहे हैं या इसके पीछे कोई और कारण है इस बारे में जांच की जा रही है. मोदी सरकार ने 15 लाख रुपये बैंकों में जमा करवाने की बात कही थी. अब हो सकता है कि चुनाव आने वाला है और ऐसे में बैंकों में गुपचुप तरीके से पैसे भेजे जा रहे हों.’